नई दिल्लीः पहलगाम हमले पर कांग्रेस अपने रुख को लेकर असमंजस की स्थिति में नजर आ रही है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ऐसा दो बार हुआ, जब पार्टी को अपने नेताओं के लिए निर्देश जारी करने पड़े। पहलगाम हमले पर कांग्रेस नेताओं के बयान से पार्टी बैकफुट पर आ गई और उसे सर्कुलर जारी करना पड़ा कि सिर्फ अधिकृत नेता ही बयान देंगे। निर्देश न मानने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक विवादास्पद पोस्टर जारी किया था। विवाद गहराने के बाद पोस्ट डिलीट कर दिया गया। इस पोस्ट के जरिए कांग्रेस ने पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया था। पदाधिकारियों को सावधानी और अनुशासन की नसीहतअसल में, पहलगाम अटैक को लेकर कांग्रेस ने 28 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गायब बताने वाला पोस्ट शेयर किया, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। इस पर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच पूरे दिन आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। मामले को तूल पकड़ता देख कांग्रेस ने मंगलवार देर रात पार्टी के नेताओं के लिए पहलगाम अटैक पर बयान देने को लेकर गाइडलाइन जारी की। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक सर्कुलर जारी सभी पदाधिकारियों को सावधानी और अनुशासन बरतने को कहा है।सर्कुलर में कहा गया था कि सिर्फ अधिकृत नेता ही पार्टी की ओर से बयान देंगे। अगर कोई नेता इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी नेता, प्रवक्ता, पैनलिस्ट और सोशल मीडिया हैंडल्स सिर्फ कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से 24 अप्रैल 2025 को पारित प्रस्ताव के अनुसार ही बयान देंगे। पार्टी ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि पहलगाम हमले के बाद दुख की घड़ी में कांग्रेस पार्टी को यूनिटी, रेस्पांसिबिलिटी और परिपक्वता दिखानी चाहिए। किसी भी प्रकार की गलती या आधिकारिक लाइन से हटकर की गई बयानबाजी को अनुशासनहीनता माना जाएगा। हर भारतीय पहलगाम हमले में मारे गए नागरिकों के परिवार के लिए न्याय और सरकार से जवाबदेही चाहता है। कांग्रेस नेताओं के बयान जिस पर हुआ विवादपहलगाम हमले पर कई कांग्रेस नेताओं के बयान को लेकर विवाद हुआ। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया,कांग्रेस लीडर मणिशंकर अय्यर, रॉबर्ट वाड्रा, महाराष्ट्र के कांग्रेस MLA विजय वडेट्टीवार के बयान पर बीजेपी ने पार्टी को घेर लिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। भारत को अपनी एकता और संप्रभुता के लिए किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। अगर ज़रूरी हो, तो पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध भी करना चाहिए। मैसूर में पत्रकारों ने मुझसे पूछा कि क्या अभी पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध करना ज़रूरी है। मैंने कहा कि अभी युद्ध ज़रूरी नहीं है, लेकिन देश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। सिद्दारमैया के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की। जब... बीजेपी के पाले में चली गई गेंद...साधा निशानाबीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उस पोस्टर को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया था। उन्होंने एक वीडियो जारी कर इसे आतंकी मानसिकता से जोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस "मोदी विरोध करते-करते देश विरोध पर उतर आई है"। पूनावाला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए विपक्षी दल पर पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने, जैसे उन्हें "हिटलर" कहने या "कब्र खोदने" की बात करने का भी आरोप लगाया। पूनावाला ने कांग्रेस के नेताओं पर पाकिस्तान को "क्लीन चिट" देने और आतंकवाद से जुड़ी मानसिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर, रॉबर्ट वाड्रा, तारिक कर्रा, सिद्धारमैया और विजय वडेट्टीवार जैसे लोग बार-बार पाकिस्तान समर्थक बयान दे रहे हैं। जब देश को एकजुट होने की जरूरत है, तब कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोल रही है और आतंकी कृत्यों को बढ़ावा देने वाले चित्र साझा कर रही है।
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