नई दिल्ली : देश के प्रमुख रिटेल इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) की पेरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures Ltd की आज शेयर मार्केट में लिस्टिंग हो गई। बीएसई पर कंपनी के शेयर 14% प्रीमियम के साथ 114 रुपये पर लिस्ट हुआ। एनएसई पर यह 12% प्रीमियम के साथ 112 रुपये पर लिस्ट हुआ। इसका इश्यू प्राइस 100 रुपये था। ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम 5% दिखा रहा था। लेकिन यह उससे बेहतर प्रीमियम पर लिस्ट हुआ। 10.16 मिनट पर यह 120.75 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। यह लिस्टिंग प्राइस से 6.75% और इश्यू प्राइस से 20.75% अधिक है।
कंपनी के आईपीओ के लिए बोली 4 नवंबर 2025 को शुरू हुई और 7 नवंबर 2025 को बंद हुई। इसे लेकर निवेशकों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कंपनी के आईपीओ को 17.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। यानी शेयर बिक्री के लिए रखे गए थे, उससे लगभग 17.6 गुना ज्यादा लोगों ने उन्हें खरीदने की इच्छा जताई। कुल मिलाकर 641.86 करोड़ रुपये के बिड मिले, जबकि 36.47 करोड़ शेयर ही ऑफर पर थे।
कंपनी की डिटेल
रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स कैटगरी में इसे 9.43 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस कैटगरी में 6.63 करोड़ शेयर रिजर्व थे। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) में इसे 14.20 गुना सब्सक्रिप्शन मिला जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) कैटगरी में 22.02 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। हालांकि लिस्टिंग के करीब पहुंचने पर इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम नरम पड़ गया था। लेकिन लिस्टिंग इससे कहीं बेहतर रही।
ग्रो की स्थापना 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जीक्यूटिव ललित केशरे, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह ने की थी। यह तेजी से भारत का सबसे बड़ा रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। जून 2025 तक, इसके 47.9 मिलियन (4.79 करोड़) एक्टिव NSE यूजर्स थे, जो 2016 की तुलना में नौ गुना ज्यादा है। बेंगलुरु की कंपनी ग्रो के आईपीओ में 1,060 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 5,572 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल थे। फ्रेश इश्यू से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, ब्रांड बनाने और मार्केटिंग पर खर्च करने के लिए करेगी।
कंपनी के आईपीओ के लिए बोली 4 नवंबर 2025 को शुरू हुई और 7 नवंबर 2025 को बंद हुई। इसे लेकर निवेशकों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कंपनी के आईपीओ को 17.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। यानी शेयर बिक्री के लिए रखे गए थे, उससे लगभग 17.6 गुना ज्यादा लोगों ने उन्हें खरीदने की इच्छा जताई। कुल मिलाकर 641.86 करोड़ रुपये के बिड मिले, जबकि 36.47 करोड़ शेयर ही ऑफर पर थे।
कंपनी की डिटेल
रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स कैटगरी में इसे 9.43 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस कैटगरी में 6.63 करोड़ शेयर रिजर्व थे। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) में इसे 14.20 गुना सब्सक्रिप्शन मिला जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) कैटगरी में 22.02 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। हालांकि लिस्टिंग के करीब पहुंचने पर इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम नरम पड़ गया था। लेकिन लिस्टिंग इससे कहीं बेहतर रही।
ग्रो की स्थापना 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जीक्यूटिव ललित केशरे, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह ने की थी। यह तेजी से भारत का सबसे बड़ा रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। जून 2025 तक, इसके 47.9 मिलियन (4.79 करोड़) एक्टिव NSE यूजर्स थे, जो 2016 की तुलना में नौ गुना ज्यादा है। बेंगलुरु की कंपनी ग्रो के आईपीओ में 1,060 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 5,572 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल थे। फ्रेश इश्यू से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, ब्रांड बनाने और मार्केटिंग पर खर्च करने के लिए करेगी।
You may also like

टेस्ला कंपनी की 3 कारों के पार्ट-पार्ट अलग कर Xiaomi ने सीखे थे अच्छी इलेक्ट्रिक एसयूवी बनाने के तरीके

Apple ने iPhone रखने के लिए लॉन्च की पॉकेट, शुरूआती कीमत 13,000 रुपये, जानें क्या होगा इसमें खास

प्रधानमंत्री मोदी ने एलएनजेपी अस्पताल में दिल्ली विस्फोट के घायलों से की मुलाकात

प्री-बजट मीटिंग: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की एमएसएमई सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात

लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार ब्लास्ट मामले में एफएसएल की जांच तेज




