नई दिल्लीः कैसे-कैसे स्कैम सामने आ रहे हैं, यह खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। एक शख्स के पिता एम्स में भर्ती हैं। ऑपरेशन थिएटर में हार्ट की सर्जरी चल रही है। तभी बेटे को एम्स हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट के नाम से अनजान नंबर से कॉल आती है कि सर्जरी में इन्फेक्शन का पता चला है, अर्जेंट एक मेडिसिन की जरूरत है जो फिलहाल एम्स में नहीं है, उसे वो दूसरे अस्पताल से अरेंज कर रहे हैं। इसके बाद कॉल करने वाला क्यूआर कोड स्कैनर भेजता है। बेटे ने रकम ट्रांसफर कर दी। बाद में पता चला कि ऐसी कोई मांग एम्स की तरफ से नहीं की गई। न हीं उनके पिता को इन्फेक्शन है। विक्टिम और पुलिस हैरान है कि आखिर स्कैमर को कैसे पता चला कि उनके पिता का ऑपरेशन चल रहा है।
साइबर पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रहीफिलहाल, आउटर नॉर्थ जिले की साइबर पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है। आउटर नॉर्थ जिला पुलिस अफसर के मुताबिक, स्कैम का शिकार हुए विक्टिम राहुल है। जो होलंबी कलां इलाके में रहते हैं। इन्होंने शिकायत में बताया कि इनके पिता को हार्ट से जुड़ी दिक्कत थी। इसके लिए पिता को एम्स अस्पताल में एडमिट कराया था। एम्स में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने चेकअप किया और हार्ट सर्जरी के लिए बोल दिया। एम्स में राहुल के पिता की हार्ट सर्जरी होने लगी। एक तरफ हार्ट सर्जरी चल रही थी। इसी बीच राहुल के मोबाइल पर अनजान नंबर से एक कॉल आया। फोन करने वाले ने अपना परिचय एम्स अस्पताल के हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट का हेड के तौर पर दिया।
बातचीत पर किसी तरह का शक नहीं हुआबताया कि ऑपरेशन के दौरान उनके पिता के हार्ट में इन्फेक्शन पाया गया है। उसने कहा कि ट्रीटमेंट के लिए एक मेडिसिन की तत्काल आवश्यकता है। लेकिन वह एम्स अस्पताल में फिलहाल नहीं है। उसने कहा कि अर्जेसी को देखते हुए वे यह दवा जीबी पंत हॉस्पिटल से अरेंज कर रहे हैं। इसके लिए राहुल को कहा कि वह मेडिसिन की कीमत और ट्रांसपोर्टेशन खर्चे को तुंरत भुगतान कर दें। वरना इन्फेक्शन तेजी से फैल सकता है। फिर फोन करने वाले ने राहुल के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड (स्कैनर) भेजा। उस पर तुरंत भुगतान करने के लिए कहा। राहुल को इस अनजान नंबर से आई कॉल और मेडिसिन को लेकर हुई बातचीत पर किसी तरह का शक नहीं हुआ।
डॉक्टर के रूप में किया स्कैमपुलिस अफसर के मुताबिक, राहुल ने कॉलर के भेजे गए स्कैनर के माध्यम से कुल 26,000 का भुगतान कर दिया। जिसमें से 20,500 दवा के लिए और 5,500 अस्पताल तक मेडिसिन पहुंचाने के लिए थे। बाद में जब राहुल ने इसकी पुष्टि के लिए एम्स अस्पताल के संबंधित डिपार्टमेंट से संपर्क किया, तो वे चौंक गए। उन्होंने बताया कि अस्पताल से ऐसी कोई कॉल नहीं की गई है। इसके बाद विक्टिम ने उस नंबर पर कॉल किया जो बंद जा रहा था। बाद में अहसास हुआ कि उसे एम्स अस्पताल के डॉक्टर के रूप में किसी ने साइबर स्कैम किया है। इस बाबत राहुल ने एनसीआरपी पोर्टल पर कंप्लेंट रजिस्टर्ड कराई।
पुलिस की सलाहहमेशा अनजान नंबर से आई कॉल को संदेह से देखें।
अनजान नंबर से कोई किसी तरह की इमरजेंसी दिखाए तो सतर्क हो जाएं।
किसी के भेजे गए क्यूआर कोड, लिंक, मैसेज पर तुरंत यकीन न करें।
बिना वेरिफाई किए पर्सनल और बैंकिंग डिटेल देने से बचें।
लोकल पुलिस थाने, साइबर थाने में शिकायत दें, हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
साइवर क्राइम पोर्टल www. cybercrime.gov.in पर कंप्लेंट करें।
साइबर पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रहीफिलहाल, आउटर नॉर्थ जिले की साइबर पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है। आउटर नॉर्थ जिला पुलिस अफसर के मुताबिक, स्कैम का शिकार हुए विक्टिम राहुल है। जो होलंबी कलां इलाके में रहते हैं। इन्होंने शिकायत में बताया कि इनके पिता को हार्ट से जुड़ी दिक्कत थी। इसके लिए पिता को एम्स अस्पताल में एडमिट कराया था। एम्स में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने चेकअप किया और हार्ट सर्जरी के लिए बोल दिया। एम्स में राहुल के पिता की हार्ट सर्जरी होने लगी। एक तरफ हार्ट सर्जरी चल रही थी। इसी बीच राहुल के मोबाइल पर अनजान नंबर से एक कॉल आया। फोन करने वाले ने अपना परिचय एम्स अस्पताल के हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट का हेड के तौर पर दिया।
बातचीत पर किसी तरह का शक नहीं हुआबताया कि ऑपरेशन के दौरान उनके पिता के हार्ट में इन्फेक्शन पाया गया है। उसने कहा कि ट्रीटमेंट के लिए एक मेडिसिन की तत्काल आवश्यकता है। लेकिन वह एम्स अस्पताल में फिलहाल नहीं है। उसने कहा कि अर्जेसी को देखते हुए वे यह दवा जीबी पंत हॉस्पिटल से अरेंज कर रहे हैं। इसके लिए राहुल को कहा कि वह मेडिसिन की कीमत और ट्रांसपोर्टेशन खर्चे को तुंरत भुगतान कर दें। वरना इन्फेक्शन तेजी से फैल सकता है। फिर फोन करने वाले ने राहुल के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड (स्कैनर) भेजा। उस पर तुरंत भुगतान करने के लिए कहा। राहुल को इस अनजान नंबर से आई कॉल और मेडिसिन को लेकर हुई बातचीत पर किसी तरह का शक नहीं हुआ।
डॉक्टर के रूप में किया स्कैमपुलिस अफसर के मुताबिक, राहुल ने कॉलर के भेजे गए स्कैनर के माध्यम से कुल 26,000 का भुगतान कर दिया। जिसमें से 20,500 दवा के लिए और 5,500 अस्पताल तक मेडिसिन पहुंचाने के लिए थे। बाद में जब राहुल ने इसकी पुष्टि के लिए एम्स अस्पताल के संबंधित डिपार्टमेंट से संपर्क किया, तो वे चौंक गए। उन्होंने बताया कि अस्पताल से ऐसी कोई कॉल नहीं की गई है। इसके बाद विक्टिम ने उस नंबर पर कॉल किया जो बंद जा रहा था। बाद में अहसास हुआ कि उसे एम्स अस्पताल के डॉक्टर के रूप में किसी ने साइबर स्कैम किया है। इस बाबत राहुल ने एनसीआरपी पोर्टल पर कंप्लेंट रजिस्टर्ड कराई।
पुलिस की सलाहहमेशा अनजान नंबर से आई कॉल को संदेह से देखें।
अनजान नंबर से कोई किसी तरह की इमरजेंसी दिखाए तो सतर्क हो जाएं।
किसी के भेजे गए क्यूआर कोड, लिंक, मैसेज पर तुरंत यकीन न करें।
बिना वेरिफाई किए पर्सनल और बैंकिंग डिटेल देने से बचें।
लोकल पुलिस थाने, साइबर थाने में शिकायत दें, हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
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