नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के लिए यही संगठन जिम्मेदार है।   
उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है।खरगे की मांग पर जहां बीजेपी की तरफ से पलटवार किया गया वहीं, इस मामले में पार्टी में ही अलग राय देखने को मिल रही है।
   
आरएसएस पर बैन लगाना कितना संभव?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे के आरएसएस को बैन कर देना चाहिए... वाले बयान पर पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इस तरह की रिक्वेस्ट जाहिर है मानी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब RSS पर बैन लगा था और फिर बैन हटा दिया गया था... मैं RSS BJP की पॉलिटिकल आइडियोलॉजी से सहमत नहीं हूं, लेकिन मुझे पक्का नहीं पता कि आज के लीगल माहौल में बैन लगाना सच में मुमकिन और टिकाऊ है या नहीं।
     
   
दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा कि आपको यह भी समझना होगा कि आज सरकार प्रधानमंत्री से लेकर ऐसे सदस्यों द्वारा चलाई जा रही है जो RSS के पक्के सदस्य हैं। इस तरह की दलील, जिसमें RSS को बैन करने की बात कही जा रही है, यह सरकार इसे कैसे करेगी? बेशक, किसी भी संगठन को ऐसी कोई भी एक्टिविटी नहीं करनी चाहिए जिससे भारत की एकता और अखंडता को किसी तरह का नुकसान हो।
   
खरगे ने क्यों की बैन की मांग?
खरगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत विचार है और खुलकर बोलूंगा कि (आरएसएस पर प्रतिबंध) लगना चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो चीजें (आरएसएस को लेकर) हमारे सामने रखी हैं, अगर उसकी मर्यादा प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और शाह (गृह मंत्री अमित शाह) रखते हैं तो यह (प्रतिबंध) होना चाहिए।
   
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि आज देश में जो गड़बड़ियां हो रही हैं और कानून-व्यवस्था की समस्यां पैदा हो रही हैं, ये सब भाजपा और आरएसएस की वजह से हैं।
   
खरगे ने बेटे ने संघ को लेकर किया था ये आग्रह
कुछ दिन पहले ही खरगे के पुत्र और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से आग्रह किया था कि वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को आरएसएस और ऐसे अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों व गतिविधियों में भाग लेने से सख्ती से रोकें।
   
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सरदार पटेल की जयंती पर कहा कि बीजेपी को याद रखना चाहिए कि उसके मूल संगठन (आरएसएस) पर पटेल ने प्रतिबंध लगाया था और आज जरूरत है कि इस देश में कोई सरदार पटेल बने और इस विचारधारा पर फिर से प्रतिबंध लगे।
   
  
उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है।खरगे की मांग पर जहां बीजेपी की तरफ से पलटवार किया गया वहीं, इस मामले में पार्टी में ही अलग राय देखने को मिल रही है।
आरएसएस पर बैन लगाना कितना संभव?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे के आरएसएस को बैन कर देना चाहिए... वाले बयान पर पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इस तरह की रिक्वेस्ट जाहिर है मानी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब RSS पर बैन लगा था और फिर बैन हटा दिया गया था... मैं RSS BJP की पॉलिटिकल आइडियोलॉजी से सहमत नहीं हूं, लेकिन मुझे पक्का नहीं पता कि आज के लीगल माहौल में बैन लगाना सच में मुमकिन और टिकाऊ है या नहीं।
#WATCH | Delhi | Congress national president Mallikarjun Kharge's statement that RSS should be banned, Congress MP Karti Chidambaram says, "This kind of request obviously is not going to be exceeded. There was a time when the RSS was banned and then the ban was revoked... I don't… pic.twitter.com/0BqiLGIleq
— ANI (@ANI) October 31, 2025
दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा कि आपको यह भी समझना होगा कि आज सरकार प्रधानमंत्री से लेकर ऐसे सदस्यों द्वारा चलाई जा रही है जो RSS के पक्के सदस्य हैं। इस तरह की दलील, जिसमें RSS को बैन करने की बात कही जा रही है, यह सरकार इसे कैसे करेगी? बेशक, किसी भी संगठन को ऐसी कोई भी एक्टिविटी नहीं करनी चाहिए जिससे भारत की एकता और अखंडता को किसी तरह का नुकसान हो।
खरगे ने क्यों की बैन की मांग?
खरगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत विचार है और खुलकर बोलूंगा कि (आरएसएस पर प्रतिबंध) लगना चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो चीजें (आरएसएस को लेकर) हमारे सामने रखी हैं, अगर उसकी मर्यादा प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और शाह (गृह मंत्री अमित शाह) रखते हैं तो यह (प्रतिबंध) होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि आज देश में जो गड़बड़ियां हो रही हैं और कानून-व्यवस्था की समस्यां पैदा हो रही हैं, ये सब भाजपा और आरएसएस की वजह से हैं।
खरगे ने बेटे ने संघ को लेकर किया था ये आग्रह
कुछ दिन पहले ही खरगे के पुत्र और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से आग्रह किया था कि वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को आरएसएस और ऐसे अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों व गतिविधियों में भाग लेने से सख्ती से रोकें।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सरदार पटेल की जयंती पर कहा कि बीजेपी को याद रखना चाहिए कि उसके मूल संगठन (आरएसएस) पर पटेल ने प्रतिबंध लगाया था और आज जरूरत है कि इस देश में कोई सरदार पटेल बने और इस विचारधारा पर फिर से प्रतिबंध लगे।
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