पेनाइल कैंसर पेनिस के टिश्यू में बनता है जो हर साल सैकड़ों पुरुषों की जान लेता है और जिसकी वजह से कई बार लिंग को काटना तक पड़ सकता है।
NHS के डॉक्टर मार्क पोर्टर ( ref.) का कहना है कि यह कैंसर शुरुआत में पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण आम संक्रमण या कम गंभीर समस्याओं जैसे दिख सकते हैं। कई पुरुष शर्म या झिझक के कारण डॉक्टर को नहीं दिखाते, जिससे देर से डायग्नोसिस होता है और बीमारी बढ़ जाती है।
पेनिस कैंसर के शुरूआती लक्षण पहचानना क्यों जरूरी
डॉक्टर ने बताया कि अगर पेनिस कैंसर शुरुआत में पकड़ लिया जाए, तो 90% से ज्यादा मरीज 5 साल से ज्यादा जीवित रहते हैं। लेकिन आखिरी स्टेज में यानी जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, तो जीवित रहने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। यही वजह है कि पुरुषों को कुछ लक्षणों पर हमेशा नजर रखनी चाहिए। यह कैंसर आमतौर पर लिंग की चमड़ी (फोरस्किन) या लिंग के सिर (ग्लान्स) पर होता है।
पेनिस कैंसर की शुरुआती लक्षण
डॉक्टर ने बताया कि लिंग कैंसर का सबसे पहला लक्षण है लिंग पर लाल या नीले-भूरे रंग के धब्बे दिखाई देना। अक्सर लोग इसे खुजली के निशान समझ लेते हैं। इसके अलावा कई लक्षण हैं जिन पर नजर रखनी चाहिए।
लिंग पर लगातार दाने जैसा रैश या एक घाव होना जो एक महीने से ज्यादा रह सकते हैं
लिंग या जांघ के पास में गांठ या सूजन
पेशाब के साथ खून आना, पीला पेशाब या किसी तरह का डिस्चार्ज
फोरस्किन का पीछे नहीं जाना जिसे फिमोसिस कहा जाता है
जांघ के पास गांठ को हल्के में न लें
अगर लिंग का कैंसर फैलता है, तो यह सबसे पहले जांघ के पास की लसीका ग्रंथियों तक पहुंचता है। इससे ये ग्रंथियां सूज सकती हैं। जब ये सूज जाती हैं तो त्वचा के नीचे चिकनी गांठ जैसी महसूस हो सकती हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि लसीका ग्रंथियों का सूजना हमेशा कैंसर फैलने का संकेत नहीं होता। फिर भी आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
जरूरी नहीं कि कैंसर ही हो
डॉक्टर पोर्टर ने बताया कि कई बार ये लक्षण किसी नॉर्मल इन्फेक्शन या इन्फ्लेमेशन के कारण भी हो सकते हैं। कभी-कभी यौन संबंध के बाद चोट लगने से भी खून आ सकता है। डॉक्टर ने सुझाव दिया है कि लंबे समय तक इस तरह के बदलाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
लिंग कैंसर के कारण क्या हैं?
कुछ जोखिम कारक हैं, जो सीधे कैंसर का कारण नहीं होते लेकिन लिंग कैंसर की संभावना बढ़ा सकते हैं। उम्र 55 साल या उससे ज्यादा होना, एचपीवी संक्रमण, एचआईवी संक्रमण, फिमोसिस, साफ-सफाई की कमी और तंबाकू का सेवन आदि।
लिंग कैंसर से बचाव कैसे करें?
लिंग कैंसर के खतरे को कम करने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं। सबसे पहले तो सिगरेट, गुटखा या अन्य तंबाकू उत्पादों से दूर रहें। एचपीवी वैक्सीन लगवाएं, फिमोसिस का इलाज करवाएं, लिंग की सफाई का ध्यान रखें और सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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