भोपाल: पूर्व भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में उनके एक और बयान पर बवाल मच गया है। उन्होंने माता-पिता से कहा है कि वे अपनी बेटियों को 'गैर-हिंदुओं' के घर जाने से रोकें और अगर बेटियां न मानें तो 'उनके पैर तोड़ दें'। कांग्रेस ने इस पर बीजेपी पर 'नफरत फैलाने' का आरोप लगाया है।
धार्मिक कार्यक्रम में बोल रहीं थीं साध्वी
यह घटना भोपाल में इसी महीने एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हुई। ठाकुर ने माता-पिता से कहा कि अगर उनकी बेटियां उनकी बात न मानें तो उन्हें शारीरिक दंड देने में संकोच न करें। उन्होंने कहा, 'अपने मन को इतना मजबूत बनाओ कि अगर हमारी बेटी हमारी बात न माने, अगर वह किसी गैर-हिंदू के घर जाए, तो उसे तोड़ने में कोई कसर बाकी न रखो।
बच्चों को पीटने में पीछे न रहें
जो लोग मूल्यों का पालन नहीं करते और अपने माता-पिता की बात नहीं सुनते, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। अगर आपको अपने बच्चों को उनकी भलाई के लिए पीटना पड़े, तो पीछे न हटें।'
ऐसी लड़कियों पर विशेष दें ध्यान
साध्वी प्रज्ञा यहीं नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा कि, 'उन लड़कियों पर अधिक ध्यान दें जो पारिवारिक मूल्यों का पालन नहीं करतीं, जो माता-पिता की बात नहीं सुनतीं, जो बड़ों का सम्मान नहीं करतीं और घर से भागने को तैयार दिखती हैं। उन्हें अपने घरों से बाहर न निकलने दें। उन्हें रोकें, चाहे उन्हें पीटकर, उन्हें समझाकर, उन्हें शांत करके, उन्हें प्यार दिखाकर, या उन्हें डांटकर।'
धार्मिक कार्यक्रम में बोल रहीं थीं साध्वी
यह घटना भोपाल में इसी महीने एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हुई। ठाकुर ने माता-पिता से कहा कि अगर उनकी बेटियां उनकी बात न मानें तो उन्हें शारीरिक दंड देने में संकोच न करें। उन्होंने कहा, 'अपने मन को इतना मजबूत बनाओ कि अगर हमारी बेटी हमारी बात न माने, अगर वह किसी गैर-हिंदू के घर जाए, तो उसे तोड़ने में कोई कसर बाकी न रखो।
बच्चों को पीटने में पीछे न रहें
जो लोग मूल्यों का पालन नहीं करते और अपने माता-पिता की बात नहीं सुनते, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। अगर आपको अपने बच्चों को उनकी भलाई के लिए पीटना पड़े, तो पीछे न हटें।'
ऐसी लड़कियों पर विशेष दें ध्यान
साध्वी प्रज्ञा यहीं नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा कि, 'उन लड़कियों पर अधिक ध्यान दें जो पारिवारिक मूल्यों का पालन नहीं करतीं, जो माता-पिता की बात नहीं सुनतीं, जो बड़ों का सम्मान नहीं करतीं और घर से भागने को तैयार दिखती हैं। उन्हें अपने घरों से बाहर न निकलने दें। उन्हें रोकें, चाहे उन्हें पीटकर, उन्हें समझाकर, उन्हें शांत करके, उन्हें प्यार दिखाकर, या उन्हें डांटकर।'
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