पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में गुरुवार को मतदान के बाद खेसारी लाल यादव ने कहा- मैं यहां (छपरा) किसी व्यक्ति विशेष से लड़ने ही नहीं आया हूं। मैं यहां आया हूं बिहार के विकास के लिए, बेहतर शिक्षा के लिए, पलायन रोकने के लिए, रोजी-रोजगार के लिए और अस्पताल के लिए आया हूं। इसके लिए पहले अपने आप को बदलिए, फिर सरकार को बदलिए। मौजूदा सरकार को बदले बिना विकास की बात नहीं सोच सकते। अब भगवान जो चाहेंगे (जीत-हार) वही होगा। खेसारी लाल यादव राजद के टिकट पर छपरा से चुनाव मैदान में हैं। आज जनता उनके भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद कर देगी।
डबल रोल में खेसारी लाल
भोजपुरी फिल्म अभिनेता और गायक खेसारी लाल यादव राजनीति में उतरने के बाद बिल्कुल बदल गये हैं। अब वे एक्टर से अधिक मोटिवेशनल स्पीकर बन गये हैं। उनका मानना है कि नीतीश कुमार की सरकार बदले बिना बिहार का विकास संभव नहीं है। तो क्या वे राजद को विकास का पर्याय मानते हैं ? क्या खेसारी लाल तेजस्वी यादव को ऐसा नेता मानते हैं जो बिहार को बदलने की योग्यता रखते हैं ? वक्त वक्त की बात है। आज खेसारी लाल को तेजस्वी में विकास पुरुष नजर आ रहा है वर्ना 2019 में तो उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ क्या-क्या नहीं कहा था। राजनीति शायद मौकापरस्ती का ही दूसरा नाम है।
महाराजगंज से लोकसभा टिकट मिलने की थी आशा
जुलाई 2018 की बात है। खेसारी लाल यादव 40 गाड़ी के काफिले के साथ एक फिल्म के प्रमोशन के लिए छपरा जा रहे थे। उनके साथ 22 हथियारबंद सुरक्षाकर्मी भी थे। तरैया के पास एक होटल में उन्होंने पत्रकारों से कहा था, मैं राजद के टिकट पर महाराजगंज से लोकसभा का चुनाव लड़ूंगा। लालू जी से टिकट के लिए बात चल रही है। अगर किसी कारण से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसके कुछ दिन पहले ही खेसारी लाल ने मुम्बई में लालू यादव से अस्पताल में मुलाकात की थी। इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
2019 में खेसारी ने कहा था, लालू यादव ने बिहार में जाति का जहर घोल दिया
2019 के लोकसभा चुनाव में खेसारी लाल को राजद से टिकट नहीं मिला। मई 2019 में उन्होंने बयान दिया, बिहार में विकास नहीं होने के लिए लालू परिवार ही जिम्मेदार है। लालू यादव ने क्या काम किया ? लालू परिवार ने केवल जाति की राजनीति की। बिहार के लोगों में जाति का जहर घोल दिया। क्या मुलायम सिंह यादव और लालू यादव के बच्चे ही मुख्यमंत्री बनेंगे ? गरीब घर के बच्चे कहां जाएंगे ? गरीबों की बात करते हैं तो गरीबों को मौका भी मिलना चाहिए।
2019 में खेसारी ने कहा था, तेजस्वी ने कभी मुझे अपना भाई नहीं समझा
खेसारी लाल यादव ने तेजस्वी के बारे में कहा था, मैंने तेजस्वी को कई बार संदेश भेजा। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिन लोगों ने मुझ पर पत्थर मारे तेजस्वी ने उन्हें ही टिकट दे दिया। तेजस्वी ने कभी मुझे अपना भाई ही नहीं समझा तो फिर मैं क्यों उन्हें समझूं ? जब लालू यादव की तबियत खराब होती थी तब खबर मिलते ही मैं तुरंत उनसे मिलने पहुंचता था। लेकिन उनके परिवार वालों ने मुझसे हमेशा गलत व्यवहार किया। मैं तो लालू यादव की बहुत इज्जत करता हूं लेकिन लालू परिवार के लोगों के दिल में मेरे लिए कोई इज्जत नहीं है। उस समय खेसारी लाल यादव लालू परिवार से इतने नाराज थे कि उन्होंने भाजपा के लिए प्रचार किया। 2019 में उन्होंने दिल्ली में भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी के लिए चुनाव प्रचार किया था।
डबल रोल में खेसारी लाल
भोजपुरी फिल्म अभिनेता और गायक खेसारी लाल यादव राजनीति में उतरने के बाद बिल्कुल बदल गये हैं। अब वे एक्टर से अधिक मोटिवेशनल स्पीकर बन गये हैं। उनका मानना है कि नीतीश कुमार की सरकार बदले बिना बिहार का विकास संभव नहीं है। तो क्या वे राजद को विकास का पर्याय मानते हैं ? क्या खेसारी लाल तेजस्वी यादव को ऐसा नेता मानते हैं जो बिहार को बदलने की योग्यता रखते हैं ? वक्त वक्त की बात है। आज खेसारी लाल को तेजस्वी में विकास पुरुष नजर आ रहा है वर्ना 2019 में तो उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ क्या-क्या नहीं कहा था। राजनीति शायद मौकापरस्ती का ही दूसरा नाम है।
महाराजगंज से लोकसभा टिकट मिलने की थी आशा
जुलाई 2018 की बात है। खेसारी लाल यादव 40 गाड़ी के काफिले के साथ एक फिल्म के प्रमोशन के लिए छपरा जा रहे थे। उनके साथ 22 हथियारबंद सुरक्षाकर्मी भी थे। तरैया के पास एक होटल में उन्होंने पत्रकारों से कहा था, मैं राजद के टिकट पर महाराजगंज से लोकसभा का चुनाव लड़ूंगा। लालू जी से टिकट के लिए बात चल रही है। अगर किसी कारण से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसके कुछ दिन पहले ही खेसारी लाल ने मुम्बई में लालू यादव से अस्पताल में मुलाकात की थी। इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
2019 में खेसारी ने कहा था, लालू यादव ने बिहार में जाति का जहर घोल दिया
2019 के लोकसभा चुनाव में खेसारी लाल को राजद से टिकट नहीं मिला। मई 2019 में उन्होंने बयान दिया, बिहार में विकास नहीं होने के लिए लालू परिवार ही जिम्मेदार है। लालू यादव ने क्या काम किया ? लालू परिवार ने केवल जाति की राजनीति की। बिहार के लोगों में जाति का जहर घोल दिया। क्या मुलायम सिंह यादव और लालू यादव के बच्चे ही मुख्यमंत्री बनेंगे ? गरीब घर के बच्चे कहां जाएंगे ? गरीबों की बात करते हैं तो गरीबों को मौका भी मिलना चाहिए।
2019 में खेसारी ने कहा था, तेजस्वी ने कभी मुझे अपना भाई नहीं समझा
खेसारी लाल यादव ने तेजस्वी के बारे में कहा था, मैंने तेजस्वी को कई बार संदेश भेजा। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिन लोगों ने मुझ पर पत्थर मारे तेजस्वी ने उन्हें ही टिकट दे दिया। तेजस्वी ने कभी मुझे अपना भाई ही नहीं समझा तो फिर मैं क्यों उन्हें समझूं ? जब लालू यादव की तबियत खराब होती थी तब खबर मिलते ही मैं तुरंत उनसे मिलने पहुंचता था। लेकिन उनके परिवार वालों ने मुझसे हमेशा गलत व्यवहार किया। मैं तो लालू यादव की बहुत इज्जत करता हूं लेकिन लालू परिवार के लोगों के दिल में मेरे लिए कोई इज्जत नहीं है। उस समय खेसारी लाल यादव लालू परिवार से इतने नाराज थे कि उन्होंने भाजपा के लिए प्रचार किया। 2019 में उन्होंने दिल्ली में भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी के लिए चुनाव प्रचार किया था।
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