नई दिल्ली: शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अफगानिस्तान के साथ चर्चा शुरू करने को रणनीतिक जरूरत क्या बताई, उनके पुराने पोस्ट वायरल होने लगे। इसको और हवा मिली उन तथ्यों से कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कांफ्रेंस में अफगान दूतावास में महिला पत्रकारों को घुसने नहीं दिया गया। इसके बाद प्रियंका को अपने नए पोस्ट को लेकर सफाई देनी पड़ रही है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह तालिबान को लेकर अपने पहले वाले स्टैंड पर कायम हैं, लेकिन मौजूदा जियोपॉलिटिक्स में अफगानिस्तान एक तरह से भारत की जरूरत है।
प्रियंका चतुर्वेदी चतुर्वेदी का पुराना पोस्ट
प्रियंका चतुर्वेदी का जो 2021 का ट्वीट वायरल है, उसमें उन्होंने महिलाओं पर डंडे बरसाते तालिबान का एक वीडियो शेयर किया था। उसमें उन्होंने, 'मॉडरेट तालिबान। लेजिटिमेट स्टेकहोल्डर तालिबान, गिव देम ए चांस तालिबान, शेरू तालिबान। शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और अफगानिस्तान के लोगों के लिए सिर्फ प्रार्थना ही कर सकते हैं।'लिखा है। उनका एक और पुराना ट्वीट सोशल मीडिया पर चल रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'विश्वास नहीं कर सकती कि भारत में ऐसे लोग हैं, जो तालिबान का बचाव कर रहे हैं और उन्हें एक मौका देने को कह रहे हैं। घिनौना। ये उन कुख्यात इस्लामी कट्टरपंथियों को बेदाग करने की शर्मनाक कोशिश है, जिन्हें सिर्फ आतंकवाद पता है, शासन नहीं! उन्हें विद्रोही कहना? हाय, कितनी झूठी मासूमियत है।'
शिवसेना (यूबीटी) सांसद की सफाई
पुराने ट्वीट अब वायरल होने पर चतुर्वेदी ने अपने एक पोस्ट में लिखा है...'ठहाका! मेरे पुराने ट्वीट निकाले जा रहे हैं, तालिबान पर मेरे विचार नहीं बदले हैं। वे कट्टर इस्लामी हैं, महिलाओं के अधिकारों को नकार ही रहे हैं, और आईसी 814 को हाईजैक करने में पाकिस्तान के साथ पहले मिल चुके हैं, जिसके चलते खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादियों को भारत को रिहा करना पड़ा था।....तालिबान अफगानिस्तान सरकार की अगुवाई कर रहा है, जैसा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने तय किया है, हमारा चुना हुआ नहीं है। लेकिन, फिर भी संदर्भ और ट्रोलिंग दो अलग-अलग चीजें हैं।'
'अफगानिस्तान को साथ लेना भारत के हित में'
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट में अपना पक्ष रखा है। एक में वह लिखती हैं, 'मैं अपने उस ट्वीट के साथ खड़ी हूं।' 'अमेरिका-पाकिस्तान में बदलते राजनीतिक समीकरण और चीन-पाकिस्तान संबंधों को देखते हुए अफगानिस्तान को साथ लेना भारत के हित में है, जो सर्वाधिक सामरिक और सुरक्षा संबंधी महत्व का मामला है।'
महिला पत्रकारों को नहीं बुलाने की आलोचना
उन्होंने अफगानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कांफ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखने की भी आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'प्रेस कांफ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को नहीं बुलाया गया (क्योंकि तालिबान की मान्यता है)। प्रेस कांफ्रेंस के बैकग्राउंड में बामियान के बुद्ध (जिसे तालिबान ने नष्ट किया)। भारत सरकार की ओर से कल की तारीक में मान्यता प्राप्त 'अफगानिस्तान अमीरात' का संदेश। सचमुच विडंबनापूर्ण।'
प्रियंका चतुर्वेदी चतुर्वेदी का पुराना पोस्ट
प्रियंका चतुर्वेदी का जो 2021 का ट्वीट वायरल है, उसमें उन्होंने महिलाओं पर डंडे बरसाते तालिबान का एक वीडियो शेयर किया था। उसमें उन्होंने, 'मॉडरेट तालिबान। लेजिटिमेट स्टेकहोल्डर तालिबान, गिव देम ए चांस तालिबान, शेरू तालिबान। शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और अफगानिस्तान के लोगों के लिए सिर्फ प्रार्थना ही कर सकते हैं।'लिखा है। उनका एक और पुराना ट्वीट सोशल मीडिया पर चल रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'विश्वास नहीं कर सकती कि भारत में ऐसे लोग हैं, जो तालिबान का बचाव कर रहे हैं और उन्हें एक मौका देने को कह रहे हैं। घिनौना। ये उन कुख्यात इस्लामी कट्टरपंथियों को बेदाग करने की शर्मनाक कोशिश है, जिन्हें सिर्फ आतंकवाद पता है, शासन नहीं! उन्हें विद्रोही कहना? हाय, कितनी झूठी मासूमियत है।'
I stand by that tweet. I also stand by your need to up your comprehension skills! https://t.co/r3Fky52qkY
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) October 11, 2025
शिवसेना (यूबीटी) सांसद की सफाई
पुराने ट्वीट अब वायरल होने पर चतुर्वेदी ने अपने एक पोस्ट में लिखा है...'ठहाका! मेरे पुराने ट्वीट निकाले जा रहे हैं, तालिबान पर मेरे विचार नहीं बदले हैं। वे कट्टर इस्लामी हैं, महिलाओं के अधिकारों को नकार ही रहे हैं, और आईसी 814 को हाईजैक करने में पाकिस्तान के साथ पहले मिल चुके हैं, जिसके चलते खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादियों को भारत को रिहा करना पड़ा था।....तालिबान अफगानिस्तान सरकार की अगुवाई कर रहा है, जैसा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने तय किया है, हमारा चुना हुआ नहीं है। लेकिन, फिर भी संदर्भ और ट्रोलिंग दो अलग-अलग चीजें हैं।'
Lol! Pulling out my old tweets, my view about Taliban hasn’t changed, they continue to be rabid Islamists, and continue to deny rights to women and they in the past have engaged with Pakistan to hijack IC 814.. due to which India was to go on to release dreaded Pakistani…
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) October 11, 2025
'अफगानिस्तान को साथ लेना भारत के हित में'
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट में अपना पक्ष रखा है। एक में वह लिखती हैं, 'मैं अपने उस ट्वीट के साथ खड़ी हूं।' 'अमेरिका-पाकिस्तान में बदलते राजनीतिक समीकरण और चीन-पाकिस्तान संबंधों को देखते हुए अफगानिस्तान को साथ लेना भारत के हित में है, जो सर्वाधिक सामरिक और सुरक्षा संबंधी महत्व का मामला है।'
महिला पत्रकारों को नहीं बुलाने की आलोचना
उन्होंने अफगानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कांफ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखने की भी आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'प्रेस कांफ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को नहीं बुलाया गया (क्योंकि तालिबान की मान्यता है)। प्रेस कांफ्रेंस के बैकग्राउंड में बामियान के बुद्ध (जिसे तालिबान ने नष्ट किया)। भारत सरकार की ओर से कल की तारीक में मान्यता प्राप्त 'अफगानिस्तान अमीरात' का संदेश। सचमुच विडंबनापूर्ण।'
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