मुंबई: मुंबई में एक चौंकाने वाली घटना में एक शख्स ने गुरुवार को पवई के एक स्टूडियो में 20 से अधिक बच्चों को बंधक बना लिया था। पुलिस ने बहादुरी दिखाते हुए बाथरूम के रास्ते स्टूडियो में घुसकर सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया। आरोपी की पहचान रोहित आर्य के रूप में हुई है। उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आरोपी को इलाज और पूछताछ के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौके से एक एयरगन और कुछ कैमिकल भी बरामद हुए हैं। उधर, जॉइंट पुलिस कमिश्नर सत्यनारायण ने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं।
कब की है घटना?
पवई पुलिस स्टेशन को गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे एक कॉल आई। इसमें आरए स्टूडियो में बच्चों के बंधक बनाए जाने की सूचना दी गई। स्टूडियो में रोजाना बच्चे एक्टिंग क्लास और ऑडिशन के लिए जाते थे। पुलिस ने बताया कि कई टीमें मौके पर पहुंचीं और पहले उस व्यक्ति से बातचीत करने की कोशिश की, जो अपनी मांगों पर अड़ा रहा। इस बीच बीच-बचाव के दौरान पुलिस की एक गोली उसके सीने में लगी। इससे वह जख्मी हो गया। डीसीपी दत्ता नलावडे (ज़ोन 10) ने बताया कि बातचीत विफल होने के बाद पुलिस बच्चों तक पहुंचने के लिए बाथरूम के रास्ते जबरन घुसी थी।
बच्चों को अभिभावकों को सौंपा
मुंबई पुलिस ने बताया कि बच्चों को घटनास्थल पर ही उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। अधिकारियों ने आगे कहा कि सभी बच्चों को घटनास्थल से सुरक्षित बचा लिया गया है। रोहित आर्या नाम के व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लेकर अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसकी मौत हो गई।
संदिग्ध का वीडियो संदेश
गतिरोध के दौरान जारी एक वीडियो संदेश में व्यक्ति ने खुद को रोहित आर्या बताया और कहा कि उसने कुछ खास लोगों से बातचीत करने के लिए एक योजना बनाई थी। उसने कहा कि उसकी मांगें मुख्य रूप से पैसे से जुड़ी नहीं थीं, बल्कि नैतिक और सिद्धांतों से संबंधित थीं। उसने चेतावनी दी थी कि कोई भी आक्रामक कदम उसे उकसा सकता है। उसने खुद को आतंकवादी मानने से इनकार किया और कहा कि उसका लक्ष्य अपनी बात रखना था। साथ ही उसने धमकी दी थी कि कोई गलत कदम बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है।
कब की है घटना?
पवई पुलिस स्टेशन को गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे एक कॉल आई। इसमें आरए स्टूडियो में बच्चों के बंधक बनाए जाने की सूचना दी गई। स्टूडियो में रोजाना बच्चे एक्टिंग क्लास और ऑडिशन के लिए जाते थे। पुलिस ने बताया कि कई टीमें मौके पर पहुंचीं और पहले उस व्यक्ति से बातचीत करने की कोशिश की, जो अपनी मांगों पर अड़ा रहा। इस बीच बीच-बचाव के दौरान पुलिस की एक गोली उसके सीने में लगी। इससे वह जख्मी हो गया। डीसीपी दत्ता नलावडे (ज़ोन 10) ने बताया कि बातचीत विफल होने के बाद पुलिस बच्चों तक पहुंचने के लिए बाथरूम के रास्ते जबरन घुसी थी।
बच्चों को अभिभावकों को सौंपा
मुंबई पुलिस ने बताया कि बच्चों को घटनास्थल पर ही उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। अधिकारियों ने आगे कहा कि सभी बच्चों को घटनास्थल से सुरक्षित बचा लिया गया है। रोहित आर्या नाम के व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लेकर अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसकी मौत हो गई।
संदिग्ध का वीडियो संदेश
गतिरोध के दौरान जारी एक वीडियो संदेश में व्यक्ति ने खुद को रोहित आर्या बताया और कहा कि उसने कुछ खास लोगों से बातचीत करने के लिए एक योजना बनाई थी। उसने कहा कि उसकी मांगें मुख्य रूप से पैसे से जुड़ी नहीं थीं, बल्कि नैतिक और सिद्धांतों से संबंधित थीं। उसने चेतावनी दी थी कि कोई भी आक्रामक कदम उसे उकसा सकता है। उसने खुद को आतंकवादी मानने से इनकार किया और कहा कि उसका लक्ष्य अपनी बात रखना था। साथ ही उसने धमकी दी थी कि कोई गलत कदम बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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