इस्लामाबाद: क्या सऊदी अरब दोस्त भारत के खिलाफ लड़ने के लिए अपनी सेना पाकिस्तान में भेजेगा? पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौते के बाद ये सवाल बहुत अहम हो गया है। बुधवार 17 सितम्बर को दोनों देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया है कि किसी एक देश पर हमला दूसरे देश पर हमला माना जाएगा। समझौते के इस प्रावधान को रक्षा विश्लेषक बहुत महत्वपूर्ण बता रहे हैं, जो इसे NATO की तरह का गठबंधन बनाता है। पाकिस्तान में इसे भारत के खिलाफ एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो टीवी पर जब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से पूछा गया कि अगर भारत और पाकिस्तान में युद्ध होता है तो क्या सऊदी अरब इसमें पाकिस्तान की तरफ से शामिल होगा? इस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 'बिल्कुल, इसमें कोई शक नहीं है।' आसिफ ने आगे कहा कि हालांकि हमने किसी देश का नाम नहीं लिया है कि कौन सा मुल्क आक्रामक होगा तो हम जवाब देंगे।'
हमले का मिलकर देंगे जवाब
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने इसे एक छत्र बताया और कहा कि किसी के साथ भी आक्रामकता हो और किसी की तरफ से भी आक्रामकता हो, उसका संयुक्त रूप से जवाब दिया जाएगा। आसिफ ने यह भी कहा कि यह कोई 'आक्रामक समझौता नहीं', बल्कि 'रक्षा व्यवस्था' है। बुधवार को हुआ रक्षा समझौता हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद हुआ है। मई में हुए घातक हवाई युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 11 सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया था, जिसमें रावलपिंडी में सेना मुख्यालय के पास स्थित रहीमयार खान एयरबेस भी शामिल है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने इस बात का संकेत दिया कि रक्षा समझौते में दूसरे अरब देश भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, पारस्परिक रक्षा समझौते में अन्य अरब देशों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आसिफ ने कहा कि इस तरह के विकास के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं। चैनल को फोन पर दिए इंटरव्यू ने आसिफ ने कहा, 'मेरा मानना है कि यहां के देशों और लोगों, खासकर मुस्लिम आबादी का, अपने क्षेत्र, देशों और राष्ट्रों की मिलकर रक्षा करना एक मौलिक अधिकार है।'
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो टीवी पर जब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से पूछा गया कि अगर भारत और पाकिस्तान में युद्ध होता है तो क्या सऊदी अरब इसमें पाकिस्तान की तरफ से शामिल होगा? इस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 'बिल्कुल, इसमें कोई शक नहीं है।' आसिफ ने आगे कहा कि हालांकि हमने किसी देश का नाम नहीं लिया है कि कौन सा मुल्क आक्रामक होगा तो हम जवाब देंगे।'
हमले का मिलकर देंगे जवाब
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने इसे एक छत्र बताया और कहा कि किसी के साथ भी आक्रामकता हो और किसी की तरफ से भी आक्रामकता हो, उसका संयुक्त रूप से जवाब दिया जाएगा। आसिफ ने यह भी कहा कि यह कोई 'आक्रामक समझौता नहीं', बल्कि 'रक्षा व्यवस्था' है। बुधवार को हुआ रक्षा समझौता हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद हुआ है। मई में हुए घातक हवाई युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 11 सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया था, जिसमें रावलपिंडी में सेना मुख्यालय के पास स्थित रहीमयार खान एयरबेस भी शामिल है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने इस बात का संकेत दिया कि रक्षा समझौते में दूसरे अरब देश भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, पारस्परिक रक्षा समझौते में अन्य अरब देशों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आसिफ ने कहा कि इस तरह के विकास के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं। चैनल को फोन पर दिए इंटरव्यू ने आसिफ ने कहा, 'मेरा मानना है कि यहां के देशों और लोगों, खासकर मुस्लिम आबादी का, अपने क्षेत्र, देशों और राष्ट्रों की मिलकर रक्षा करना एक मौलिक अधिकार है।'
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