बॉलीवुड के मशहूर फिल्मकार अनुराग कश्यप एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने ब्राह्मण समुदाय को लेकर एक बयान दिया, जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया। विवाद और सार्वजनिक आक्रोश का सामना करते हुए अंततः उन्हें माफी मांगनी पड़ी। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सोशल मीडिया पर उनकी एक टिप्पणी वायरल हो गई। जिसमें उन्होंने ब्राह्मणों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
यह सारा विवाद फिल्म फुले के ट्रेलर के बाद शुरू हुआ। यह फिल्म समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। जिसमें प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म को लेकर छिड़े विवाद में अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जिससे लोग नाराज हो गए। शुक्रवार को अनुराग कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लंबा नोट शेयर कर अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि जो भी गुस्सा है, वह उन पर होना चाहिए, उनके परिवार पर नहीं।
फुले कश्यप विवाद में कूद पड़े
और आगे लिखा कि ब्राह्मण समुदाय की महिलाओं की तो बात ही छोड़िए, हमारे धर्म शास्त्रों में भी ऐसा लिखा है। चाहे आप मनुस्मृति में विश्वास रखते हों या नहीं। मानवता सर्वोपरि होनी चाहिए। हालांकि, कुछ लोग उनकी माफी को लेकर नाराज भी हैं। ऐसा लगता है कि अनुराग कश्यप ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में धड़क 2 की स्क्रीनिंग का जिक्र किया और कहा कि सेंसर बोर्ड का मानना है कि देश में अब जातिवाद खत्म हो गया है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “तो फिर कुछ लोगों को फुले दंपत्ति से परेशानी क्यों है?”
एक यूजर ने उनकी पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा कि ब्राह्मण आपके पिता हैं । हम भी उतना ही जलेंगे जितना तुम जलोगे। कोई समस्या? इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ने लिखा, “मैं ब्राह्मणों पर पेशाब करूंगा…कोई दिक्कत है?” इतना ही नहीं उन्होंने अपनी टिप्पणी का स्क्रीनशॉट लेकर अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर कर दिया और इसके बाद पूरा बवाल मच गया और विवाद इतना बढ़ गया कि लोग उनकी माफी भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। अनुराग कश्यप ऐसे बयानों के लिए जाने जाते हैं।
फुले पर विवाद
अब बात करें फिल्म फुले की तो यह फिल्म 11 अप्रैल को सिनेमाघरों में आने वाली थी, लेकिन अब यह 25 अप्रैल को रिलीज होगी। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में कुछ बदलाव करने के आदेश दिए हैं। जिसे निर्माताओं ने स्वीकार कर लिया है। फिल्म के कलाकारों और निर्देशक का कहना है कि उनका इरादा किसी समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था। लेकिन वे एक सामाजिक मुद्दे पर कहानी लेकर आये हैं। फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है और इसमें प्रतीक गांधी और पत्रलेखा के अलावा अन्य कलाकार भी हैं।
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