दुबई दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। दुनिया भर से हर दिन हजारों पर्यटक यहां आते हैं। यहां देखने के लिए कई पर्यटक आकर्षण हैं। यहाँ दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा है। दुबई भारत से इतना दूर है कि वहां पहुंचने का एकमात्र साधन हवाई मार्ग है। लेकिन, हम आपको बता दें कि भविष्य में आपके लिए ट्रेन से सीधे दुबई की यात्रा करना संभव हो जाएगा। आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन ऐसा सचमुच हो सकता है।
जैसे-जैसे समय बदल रहा है, नई उन्नत प्रौद्योगिकियां भी उभर रही हैं, जिनकी मदद से हम ऐसी चीजें घटित होते देखेंगे जो कभी घटित नहीं होंगी। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी प्रोजेक्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें मुंबई और दुबई को 2000 किलोमीटर लंबे अंडरवाटर रेल लिंक से जोड़ा जाएगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानें।
यदि भविष्य में यह संभव हो गया तो यह परियोजना निश्चित रूप से भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अंडरवाटर रेल लिंक पर ट्रेनें 600 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 1000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। यदि आप मुंबई से दुबई के लिए हवाई यात्रा करते हैं, तो आमतौर पर यात्रा पूरी करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं, लेकिन यह पानी के नीचे की ट्रेन यात्रा मुंबई और दुबई के बीच यात्रा के समय को केवल 2 घंटे तक कम कर देगी। इसका मतलब यह है कि यह ट्रेन आपको हवाई जहाज से भी अधिक तेजी से दुबई पहुंचा देगी।
ट्रेन जो समुद्र के नीचे जाएगी
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और दुबई के बीच अंडरवाटर रेलवे लाइन करीब 1,200 मील (करीब 2,000 किलोमीटर) लंबी होगी, जो समुद्र के नीचे से गुजरेगी। इसका मतलब यह है कि यह ट्रेन समुद्र के नीचे जायेगी। यदि यह संभव हो गया तो मुंबई से दुबई की यात्रा बहुत आसान हो जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह रेल लाइन 2030 तक पूरी हो सकती है। इस बीच, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
यह उत्कृष्ट परियोजना यूएई के राष्ट्रीय सलाहकार ब्यूरो लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित की गई है। इसका लक्ष्य परिवहन बुनियादी ढांचे को आकार देना और हवाई यात्रा के विकल्प प्रदान करना है। हालाँकि, इस पानी के नीचे रेलवे परियोजना के लिए अरबों डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी। इस ट्रेन से न केवल यात्री सुविधा बढ़ेगी बल्कि दुबई से भारत तक कच्चे तेल और अन्य सामान के परिवहन के लिए एक नया मार्ग भी तैयार होगा। इस परियोजना पर चर्चा अभी भी जारी है। हालाँकि, यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो परियोजना 2030 तक पूरी होने की संभावना है।
The post first appeared on .
You may also like
मैं इस्लाम को मानती हूं, लेकिन मेरे लिए भगवान शिव सुकून का प्रतीक: नुशरत भरूचा
लॉन्च से पहले लीक हुए Motorola Razr 60 Ultra के फीचर्स, स्पेसिफिकेशन जानकर खरीदने पर हो जाएंगे मजबूर
jokes: दांत का डॉक्टर- आपका दांत निकालना पड़ेगा क्योंकि ये सड़ चुका है,,,,
वायरल फुटेज में जानें उस बाघिन की कहानी जिसको मरने के बाद सरकार ने दिया था "गार्ड ऑफ ऑर्नर अवार्ड"
मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर में भगवान को चढ़ाई जाती है देसी दारू, कांटों पर चलकर पूजा करते हैं भक्त