मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस की नवगठित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) जल्द ही कार्यरत हो जाएगी। यह टास्क फोर्स राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी पर कार्रवाई करने से लेकर केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करने तक का काम करेगी।
एएनटीएफ विशेष रूप से अखिल महाराष्ट्र या अंतर-राज्यीय ड्रग तस्करी नेटवर्क से जुड़े मामलों में कार्रवाई करेगा। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शारदा राउत को हाल ही में टास्क फोर्स का पहला प्रमुख नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त, उप महानिरीक्षक प्रवीण पाटिल को उनका डिप्टी नियुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि फरवरी में सरकार ने एएनटीएफ के लिए 346 पदों को मंजूरी दी थी। जैसे ही अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति हो जाएगी, अगले दिन से यह विभाग चालू हो जाएगा। राज्य पुलिस विभाग से भी अधिकारियों की भर्ती की जाएगी।
इस टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य नशीली दवाओं के प्रदूषण को खत्म करना होगा। यह नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की जांच और मुकदमा चलाएगा तथा मादक पदार्थों के अपराधियों पर डोजियर तैयार करेगा। यह केंद्र और महाराष्ट्र में नार्को-समन्वय केंद्र जैसी अन्य राज्यों की एजेंसियों के साथ समन्वय करेगा और नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता भी फैलाएगा।
एएनटीएफ में दो डिवीजन होंगे। इसका मुख्यालय पुणे और नागपुर में होगा। जिसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी करेंगे। पुणे डिवीजन कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तर महाराष्ट्र जिलों के मामलों की निगरानी करेगा। जबकि नागपुर डिवीजन मराठवाड़ा और विदर्भ जिलों के साथ काम करेगा।
इससे मुम्बई एएनटीएफ के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो गया है। क्योंकि राज्य की राजधानी में पहले से ही राज्य की एंटी-नारकोटिक्स सेल (एएनसी) और केंद्र सरकार की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), सीमा शुल्क, राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी नशीली दवाओं के खिलाफ एजेंसियां मौजूद हैं।
स्थानीय पुलिस मादक पदार्थों से संबंधित मामलों को संभालना जारी रखेगी, लेकिन राज्यव्यापी या अंतरराज्यीय प्रभाव वाले मामलों को पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर एएनटीएफ को सौंप दिया जाएगा। एएनटीएफ मादक पदार्थ तस्करों और स्थानीय तस्करों की जिलावार सूची भी तैयार करेगा। यह नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत पंजीकृत मामलों में दोषसिद्धि दर में सुधार करने के लिए भी काम करेगा। एएनटीएफ के गठन से निश्चित रूप से मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने तथा उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के नेटवर्क को नष्ट करने में मदद मिलेगी।
हाल ही में, नासिक, लातूर, सांगली और कोल्हापुर सहित महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कई मेफेड्रोन निर्माण इकाइयों का भंडाफोड़ किया गया। ये दवाएं राजस्थान, गुजरात और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों से प्राप्त की जा रही थीं और एएनटीएफ इस वितरण श्रृंखला को तोड़ने में मदद करेगा।
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में तेलंगाना एएनटीएफ से प्राप्त सूचना के आधार पर अहिल्यानगर में पुलिस ने 13.75 करोड़ रुपये मूल्य की अल्प्राजोलम जब्त की थी।