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3 नई वंदे भारत ट्रेनें एक साथ, मोदी सरकार का ट्रैवल रिवोल्यूशन 10 अगस्त से शुरू, जानिए कौन सी रूट पर दौड़ेगी ये स्पीड किंग?

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नई दिल्ली: देश के रेल यात्रियों के लिए 10 अगस्त, 2025 एक ऐतिहासिक दिन साबित होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन देश को तीन नई और अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का तोहफा देंगे, जो भारत में रेल यात्रा के अनुभव को एक नई दिशा देने का वादा करती हैं। इन तीन सेवाओं के लॉन्च के साथ, भारत में सेमी-हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार में एक और मील का पत्थर स्थापित होगा, जो 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' की भावना को और मजबूत करेगा। यह कदम देश भर में कनेक्टिविटी, यात्रा के समय में कमी और विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है3 वंदे भारत, 3 नई दिशाएँ: देश भर में रफ्तार का क्रांतिप्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरु में श्री माता वैष्णो देवी कटरा–अमृतसर, पुणे–अजनी (नागपुर) और केएसआर बेंगलुरु–बेलगावी//बेळगाव मार्ग पर चलने वाली इन तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। ये ट्रेनें न केवल यात्रा को गति देंगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और सामाजिक संपर्क को भी बढ़ावा देंगी।पुणे-अजनी (नागपुर) वंदे भारत: महाराष्ट्र को अपनी 12वीं वंदे भारत ट्रेन मिलने जा रही है, जो राज्य के दो प्रमुख शहरों पुणे और नागपुर को जोड़ेगी। यह देश की अब तक की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली वंदे भारत ट्रेन होगी, जो लगभग 881 किलोमीटर की दूरी 12 घंटे से भी कम समय में पूरी करेगी। यह ट्रेन वर्धा, बडनेरा, अकोला, भुसावल, जलगांव, मनमाड, कोपरगांव, अहमदनगर और दौंड कॉर्ड लाइन सहित 10 महत्वपूर्ण स्टेशनों पर रुकेगी, जिससे इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को फायदा होगा।केएसआर बेंगलुरु-बेलगावी वंदे भारत: यह सेवा कर्नाटक राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी। यह ट्रेन लगभग 8.5 घंटे की यात्रा में बेंगलुरु से बेलगावी तक की दूरी तय करेगी, जो यात्रियों के समय की बचत करेगी और यात्रा को अधिक आरामदायक बनाएगी। यह तुमाकुरू, देवनागिरी, हावेरी, हुबली और धारवाड़ जैसे प्रमुख शहरों से भी गुजरेगी।श्री माता वैष्णो देवी कटरा-अमृतसर वंदे भारत: उत्तर भारत में यह एक महत्वपूर्ण रेलगाड़ी होगी, जो जम्मू और कश्मीर के कटरा को पंजाब के अमृतसर से जोड़ेगी। यह ट्रेन लगभग 5 घंटे में यह दूरी तय करेगी, जिससे माता वैष्णो देवी और स्वर्ण मंदिर, अमृतसर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा और भी सुगम हो जाएगी। यह धार्मिक पर्यटन सर्किट को बढ़ावा देगी और तीर्थयात्रियों को दोनों पवित्र शहरों के दर्शन करने में सुविधा प्रदान करेगी।वंदे भारत: मेक इन इंडिया का आधुनिक चेहरावंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें भारत की स्वदेशी इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षमता का जीवंत उदाहरण हैं। इन्हें 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत डिजाइन और निर्मित किया गया है, और ये दुनिया की बेहतरीन ट्रेनों की तरह ही सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।अत्याधुनिक सुविधाएँ: इन ट्रेनों में ऑटोमेटिक दरवाज़े, ऑन-बोर्ड वाई-फाई, जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली, इंफोटेनमेंट सिस्टम, बेहतर एसी कोच, घूमने वाली आरामदायक सीटें और ऑन-बोर्ड खानपान की सुविधा जैसी चीजें शामिल हैं।गति और सुरक्षा: वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किमी/ घंटा तक की गति प्राप्त करने में सक्षम है, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाता है। इनमें 'कवच' जैसी उन्नत सुरक्षा प्रणालियां भी हैं।ऊर्जा दक्षता: ये ट्रेनें ऊर्जा-कुशल इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम का उपयोग करती हैं, जो पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करता है[16]।यात्रा क्रांति: बदलती भारत की तस्वीरतीन नई वंदे भारत ट्रेनों का एक साथ लॉन्च, देश के बदलते यात्रा परिदृश्य का प्रमाण है। ये ट्रेनें केवल तेज गति और सुविधा ही नहीं, बल्कि पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी गति प्रदान करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति उनकी दूरदर्शिता और 'यात्रा क्रांति' (Travel Revolution) लाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन ट्रेनों की लोकप्रियता इस बात से साबित होती है कि इनके सभी मार्गों पर 100% से भी अधिक ऑक्यूपेंसी (यात्री घनत्व) देखी जा रही है[4]। आने वाले समय में, भारतीय रेलवे का लक्ष्य 4,500 वंदे भारत ट्रेनों का बेड़ा तैयार करने का है, जो वास्तव में भारत को एक 'गतिशील राष्ट्र' बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
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