नई दिल्ली: अमेरिका ने उन भारतीय ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा की है जो अमेरिका में अवैध आव्रजन में मदद करती हैं। अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को कहा कि एक ट्रैवल एजेंसी के मालिकों और कर्मचारियों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिए गए हैं, जो अवैध आव्रजन को सुविधाजनक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाती है।
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि “उन ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों, कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ (सोमवार को) वीजा प्रतिबंध लगा दिए गए हैं जो जानबूझकर संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध प्रवेश में सहायता करते हैं।” हमारा वाणिज्य दूतावास अनुभाग और राजनयिक सुरक्षा सेवा अवैध आव्रजन, मानव तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों में सहायता करने वालों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए लगातार काम कर रही है। हम तस्करी नेटवर्क को बाधित करने के लिए संदिग्ध ट्रैवल एजेंसियों पर वीजा प्रतिबंध लगाना जारी रखेंगे। हमारी आव्रजन नीति का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध आव्रजन के खतरों के बारे में जानकारी देना तथा हमारे कानूनों का उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह बनाना है। बयान में आगे कहा गया कि “अमेरिका के आव्रजन कानूनों और नीतियों को लागू करना कानून के शासन और अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।” वीज़ा नियंत्रण नीतियां वैश्विक प्रकृति की हैं और वे उन व्यक्तियों पर भी लागू हो सकती हैं जो वीज़ा छूट कार्यक्रम के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका नियमित रूप से अवैध आप्रवासियों को उनके गृह देशों में वापस भेजता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फरवरी में संसद में बताया था कि 2009 से अब तक 15,756 अवैध भारतीय अप्रवासियों को अमेरिका से भारत वापस भेजा जा चुका है। 2009 से 2025 तक हर साल 500 से अधिक भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किया गया। 2016 से 2020 के बीच यह आंकड़ा बढ़कर 1,000 हो गया।
अमेरिका ने शनिवार, 17 मई को चेतावनी दी कि जो लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी देश में रहेंगे, उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा तथा अमेरिका में पुनः प्रवेश पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस चेतावनी के जारी होने के दो दिन बाद अमेरिका में संदिग्ध ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
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