हाल ही में, भारत ने संसद में पारित वक्फ संशोधन कानून पर पाकिस्तान की आलोचनात्मक टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे पहले अपने अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम पाकिस्तान की प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। यदि पाकिस्तान को वास्तव में अल्पसंख्यकों की चिंता है, तो उसे पहले अपने देश में उनके हालात की समीक्षा करनी चाहिए।
भारत सरकार का सख्त रुख
पाकिस्तान ने हाल ही में भारत में वक्फ कानून में हुए बदलावों को भेदभावपूर्ण बताते हुए बयान जारी किया था। इसके जवाब में भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। उल्लेखनीय है कि 5 अप्रैल को संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम पारित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है। इस नए कानून पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा भी तेज हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इस मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होने जा रही है। वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई होगी। इस तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना करेंगे। अब तक इस कानून के खिलाफ 10 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जिनमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, राजद सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा जैसे नेताओं की याचिकाएं शामिल हैं।
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