इंटरनेट डेस्क। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का सबसे पावन समय होता है। अब सावन का महीना समाप्त होने की और है। ऐसे में इस पूरे माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, उपवास रखना और शिव मंत्रों का जाप करना भक्तों को विशेष फल देता है। वैसे इस माह में आने वाले प्रदोष व्रत का भी विशेष महत्व होता है और जब यह व्रत बुधवार को आता है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है, सावन 2025 में यह व्रत आज है, जो भगवान शिव की कृपा पाने का एक सुनहरा अवसर है।
कब है सावन का आखिरी बुध प्रदोष व्रत?
सावन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 6 अगस्त 2025 को दोपहर 2.08 बजे से शुरू होगी और 7 अगस्त को दोपहर 2.27 बजे समाप्त होगी। इस तिथि पर पड़ने वाला प्रदोष व्रत, खासकर शाम के समय किया जाता है। जब प्रदोष काल होता है।
दिन और पूजा का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4.20 से 5.03 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 2.41 से 3.34 तक
गोधूलि बेला- शाम 7.08 से 7.30 तक
निशिता मुहूर्त- रात 12.06 से 12.48 तक
बुध प्रदोष व्रत करने के फायदे
इस दिन श्रद्धा से किया गया व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए खास है। इस व्रत को करने से जीवन में स्थायी सुख, धन-धान्य, भूमि और वाहन की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही ग्रहों की दशा सुधरती है, मानसिक शांति मिलती है और पुराने रोगों से राहत मिलती है।
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