जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने दिवाली से पहले शिशु पालना सहायिकों बड़ी सौगात दी है। प्रदेश सरकार अब इनके मानदेय में इजाफा कर दिया है। सरकार की ओर से राजकीय विभागों में कार्यरत महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल और सुरक्षा को लेकर चिंता न हो ,इसके लिए शिशु पालना गृह स्थापित एवं संचालित किए जाते हैं ।
शिशु पालना गृह में छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों की देखभाल हेतु प्रति 3 बच्चों पर एक सहायिका का प्रावधान है एवं सहायिका का मानदेय 15 हज़ार रुपए प्रतिमाह रहेगा। अगर बच्चों की संख्या तीन से अधिक होगी तो मानदेय 2500 रुपया प्रतिमाह प्रति बच्चा होगा, जिसकी अधिकतम अधिकतम सीमा 45 हज़ार रुपए प्रति माह होगी। अब तक अधिकतम मानदेय 40,000 रुपया निर्धारित था।
विशेष योग्यजन विभाग को 15 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने के लिए सहमति दी
वहीं प्रदेश सरकार की ओर से विशेष योग्यजन को भी विशेष सौग़ात दी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में प्रदेश के दिव्यांगजनों को संबल बनाने के लिए सेवा पखवाड़ा- 2025 के दौरान कृत्रिम अंगों एवं सहायक उपकरणों के वितरण के लिए वित्त विभाग ने विशेष योग्यजन विभाग को 15 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने के लिए सहमति प्रदान की है। जिसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगता के विपरीत प्रभाव को कम करके दिव्यांगों के शारीरिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक पुनर्वास में वृद्धि करना और उनकी आर्थिक क्षमता को बढ़ाना है।
डीजीपीएस सिस्टम लागू किया
वहीं आमजन के भूमि संबंधी जटिल प्रकरणों के निस्तारण आसानी व तीव्रता से सम्पन्न करने के लिए वित्त विभाग ने डीजीपीएस सिस्टम लागू किया है। इसे मूलरूप देने के लिए राज्य में भू सर्वे एवं सीमा प्रकरणों का जल्द से जल्द निस्तारण करने के लिए वित् विभाग ने भू प्रबंधन विभाग को 39 डीजीपीएस मशीने ख़रीदने के लिए 7 करोड़ 80 लाख रूपए की वित्तीय सहमति प्रदान की है।
PC:dipr.rajasthan
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