जापान, जिसे उगते सूरज का देश भी कहा जाता है, अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां के लोग अपनी दिनचर्या में विभिन्न परंपराओं का पालन करते हैं, और इन परंपराओं का पालन करने से न केवल उनकी सांस्कृतिक पहचान बनी रहती है, बल्कि ये परंपराएं उनके जीवन को भी आकार देती हैं। इनमें से कुछ परंपराएं इतनी महत्वपूर्ण होती हैं कि उनका असर केवल व्यक्तिगत जीवन पर नहीं, बल्कि देश की राजनीति और समाज पर भी पड़ता है। जापान में एक ऐसी ही परंपरा है, जो अब एक नए युग की शुरुआत की ओर इशारा करती है। यह परंपरा हर बार उस समय देखी जाती है, जब देश का सम्राट अपनी गद्दी छोड़ता है और उसके बाद एक नया युग प्रारंभ होता है।
जापान में नया युग "रीवा" की शुरुआतजापान में हर बार जब सम्राट अपनी गद्दी छोड़ता है, तो उस समय देश में एक नए युग की शुरुआत होती है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसके कारण जापान में समय के साथ न केवल राजनीतिक बदलाव होते हैं, बल्कि समाज और संस्कृति में भी एक नया मोड़ आता है। जापान का शाही परिवार, जो एक संवैधानिक राजतंत्र के तहत कार्य करता है, इस बदलाव के प्रतीक के रूप में काम करता है।
जापान के वर्तमान सम्राट, आकीहीतो, जो पिछले 31 वर्षों से जापान के सम्राट रहे हैं, 1 मई 2019 को अपनी गद्दी छोड़ देंगे। उनके इस युग को "हाइसी" युग कहा जाता है, जिसका मतलब होता है "शांति प्राप्त करना"। उनके गद्दी छोड़ने के बाद, उनका स्थान उनके बेटे क्राउन प्रिंस नारुहीतो द्वारा लिया जाएगा। नारुहीतो के सम्राट बनने के साथ ही जापान में एक नया युग, "रीवा" शुरू होगा।
"रीवा" युग का महत्व और अर्थ"रीवा" युग का नाम जापान की सरकार द्वारा चुना गया है, और इसका अर्थ है "आदेश और सद्भाव"। यह नया युग जापान के समाज और संस्कृति में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक होगा। खास बात यह है कि जापान में हर युग का नाम एक खास अर्थ से जुड़ा होता है, जो उस समय के सामाजिक और राजनीतिक बदलावों को दर्शाता है।
जापान में एक नई युग की शुरुआत के साथ ही यहाँ के कैलेंडर में भी बदलाव होगा। जापानी नागरिक अपने दस्तावेज़ों, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेज़ों में उस युग का नाम भी जोड़ेंगे, जो उस वक्त चल रहा होता है। यह परिवर्तन केवल कैलेंडर तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि पूरे देश में उत्सव का माहौल होगा। लोग नए युग के स्वागत के लिए विभिन्न उत्सवों और समारोहों का आयोजन करेंगे।
जापान की परंपरा और "गैंगो"जापान में युगों की शुरुआत की परंपरा का इतिहास बहुत पुराना है। यहां परंपरागत रूप से प्रत्येक नए युग के साथ एक नया "गैंगो" (युग का नाम) तय किया जाता है। यह परंपरा चीन से ली गई थी, जहां एक समय में प्राकृतिक आपदाओं या सम्राट की मृत्यु के बाद नए युग की शुरुआत होती थी। जापान में भी इसी प्रकार की परंपरा रही है, जहां एक नए सम्राट के गद्दी पर बैठने के बाद नया युग शुरू होता है।
वर्तमान में चल रहे "हाइसी" युग का अंत 1 मई 2019 को हो जाएगा, और इसके बाद "रीवा" युग की शुरुआत होगी। जापान में लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में "गैंगो" का इस्तेमाल करते हैं, और वे अपनी डायरी, कैलेंडर और दस्तावेजों में उस युग का नाम दर्ज करते हैं, जिसमें वे रहते हैं। इस प्रकार, यह परंपरा न केवल एक ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक नागरिक के जीवन का हिस्सा बन चुकी है।
मेजी युग से लेकर अब तक: जापान की युगों की यात्राजापान में युगों की शुरुआत का सिलसिला "मेजी युग" (1868-1912) से हुआ था। मेजी युग के समय में जापान में कई महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सुधार किए गए थे। उस समय यह निर्णय लिया गया था कि जब भी सम्राट बदलेगा, एक नया युग शुरू होगा। मेजी युग के बाद जापान में कई युगों की शुरुआत हुई, जिनमें शोवा युग (1926-1989) और हाइसी युग (1989-2019) शामिल हैं।
जापान में युगों के नाम बदलने की परंपरा ने देश के सामाजिक ढांचे को आकार दिया है और यह प्रथा चीन से आयी थी, जहां सम्राट की मृत्यु या प्राकृतिक आपदाओं के कारण नए युग की शुरुआत होती थी। हालांकि, समय के साथ जापान के सम्राटों की शक्ति में कमी आई है, और अब शाही परिवार का मुख्य कार्य मात्र सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक है।
सम्राट और जापान की संवैधानिक राजतंत्र व्यवस्थाजापान एक संवैधानिक राजतंत्र है, जिसका मतलब है कि यहां के सम्राट का कोई राजनीतिक अधिकार नहीं है। सम्राट की भूमिका मात्र सांस्कृतिक और परंपरागत है। जापान का संविधान सम्राट को एक प्रतीकात्मक रूप में देखता है, और उसकी शक्ति को पूरी तरह से संसद और सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
जब जापान में एक नया युग शुरू होता है, तो यह नामकरण प्रक्रिया सरकार के द्वारा की जाती है, और सम्राट इस नाम को केवल औपचारिक रूप से मंजूरी देते हैं। यद्यपि सम्राट का कोई राजनीतिक अधिकार नहीं है, लेकिन उनकी भूमिका देश की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को बनाए रखने की होती है।
भविष्य में क्या होगा?जापान में नया युग, "रीवा", ना केवल जापान के समाज और संस्कृति के लिए एक नया अध्याय खोलेगा, बल्कि यह पूरे देश को एक नई दिशा में ले जाएगा। जहां एक ओर जापान के लोग इस युग के स्वागत के लिए उत्साहित हैं, वहीं दूसरी ओर यह उनके लिए यह एक अवसर है कि वे अपनी परंपराओं को और भी मजबूती से बनाए रखें।
जापान का यह नया युग, "रीवा", अब जापान के हर नागरिक के लिए एक प्रतीक होगा, जो उन्हें अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा देगा। अब देखना यह होगा कि यह नया युग जापान के समाज और राजनीति पर किस प्रकार के बदलाव लाएगा, और किस प्रकार यह जापान को नए युग की ओर अग्रसर करेगा।
निष्कर्ष:
जापान की यह परंपरा, जिसमें हर सम्राट के बाद एक नया युग शुरू होता है, देश की सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास को जीवित रखने का एक अनूठा तरीका है। जापान का "रीवा" युग इस परंपरा का अगला चरण है, जो जापान के भविष्य को आकार देने के लिए एक नई शुरुआत करेगा।
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