नोएडा में एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर सैकड़ों छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने इस गैंग को पकड़ा है, जो नोएडा और पुणे में सक्रिय था और छात्रों को देश-विदेश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल रहा था।
गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार, 5 करोड़ रुपये के चेक बरामदपुलिस ने बताया कि इस धोखाधड़ी में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राहुल कुमार (बिहार), अनुपम कुमार (बिहार), दयानंद पांडे (नागपुर), सचिन सिंह (आगरा), विदुषी लोहिया (गोरखपुर) और निकिता उपाध्याय (झारखंड) के रूप में हुई है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी सोनू अभी भी फरार है।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के चेक, लैपटॉप, और 16 मोबाइल जब्त किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि यह गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों से संपर्क करता था और उन्हें मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला दिलाने का लालच देता था।
धोखाधड़ी का तरीकापुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने एक सेक्टर-62 स्थित बिल्डिंग में कार्यालय चला रखा था, जहां वे छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला दिलाने का वादा करते थे। इसके बदले में वे प्रत्येक छात्र से 6 से 10 लाख रुपये वसूलते थे। उनके निशाने पर वे छात्र थे जो प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में दाखिला चाहते थे। गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया के जरिए छात्रों से संपर्क करते और उन्हें अपनी योजनाओं का हिस्सा बनाते थे।
पढ़े-लिखे आरोपी, 500 से ज्यादा ठगी के शिकारपुलिस ने बताया कि इस गिरोह के सभी सदस्य पढ़े-लिखे हैं। गिरोह के सरगना राहुल कुमार और अनुपम कुमार दोनों ने पटना विश्वविद्यालय से बीएससी और बीबीए की डिग्री प्राप्त की थी, जबकि अन्य सदस्य भी बीबीए और बीकॉम पास थे। इन लोगों को 40 से 50 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाता था।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अब तक वे 500 से ज्यादा छात्रों से ठगी कर चुके थे। यह मामला नोएडा पुलिस द्वारा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
ठगी के शिकार हुए छात्रों की मुश्किलेंयह मामला यह दिखाता है कि कैसे धोखाधड़ी के गिरोह छात्रों के भविष्य के साथ खेलते हैं, खासकर तब जब वे मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला पाने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं। इन गिरोहों के द्वारा छात्रों को फर्जी वादों में फंसाया जाता है और उनके पैसे लूटे जाते हैं। पुलिस की सख्त कार्रवाई से इन गिरोहों के खिलाफ एक उदाहरण पेश किया गया है, जिससे भविष्य में ऐसे अपराधों पर काबू पाया जा सके।
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