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विश्व की इस मशहूर दरगाह पर रात नहीं दिन में लगती है भूतों की अदालत, कैमरे में कैद हुआ लाइव सीन

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राजस्थान, जिसे राजाओं की भूमि कहा जाता है, अपने भव्य किलों और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ रहस्यमयी स्थानों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां एक ऐसी चमत्कारी दरगाह है, जिसके बारे में कहा जाता है कि जैसे ही सूरज ढलता है, वहां चुड़लों की पंचायत लगती है। यह दरगाह अलौकिक घटनाओं और तंत्र-मंत्र की मान्यताओं के चलते दूर-दूर तक चर्चित है। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां शाम के समय सामान्य इंसानों का रुकना मना है, क्योंकि यह समय चुड़लों और आत्माओं की बैठक का होता है।

कहां है यह रहस्यमयी दरगाह?

यह चमत्कारी दरगाह राजस्थान के बीकानेर जिले के पास स्थित "काली बावड़ी दरगाह" के नाम से जानी जाती है। घने पेड़ों और वीरान रास्तों के बीच स्थित यह दरगाह दिन में तो सामान्य धार्मिक स्थल की तरह लगती है, लेकिन शाम ढलते ही इसका वातावरण पूरी तरह बदल जाता है। लोग मानते हैं कि सूर्यास्त के बाद यहां कोई इंसान नहीं ठहरता, क्योंकि तब यहां अदृश्य शक्तियों का कब्जा हो जाता है।

चुड़लों की पंचायत की मान्यता

स्थानीय जनश्रुति के अनुसार, यह स्थान पहले तांत्रिकों की साधना भूमि था। कई वर्षों पहले एक महान तांत्रिक ने यहां शक्तिशाली मंत्रों के जरिए भूत-प्रेतों और चुड़लों को वश में किया था। लेकिन उसकी मृत्यु के बाद वे आत्माएं मुक्त होकर यहीं वास करने लगीं। कहा जाता है कि शाम ढलते ही ये आत्माएं इस दरगाह पर एकत्र होती हैं और ‘पंचायत’ लगाती हैं – यानी अपनी बातें, फैसले और भविष्य की योजनाएं तय करती हैं।

कुछ लोग तो यह भी दावा करते हैं कि उन्होंने दरगाह के पास सफेद साड़ियों में महिलाओं को हवा में उड़ते या पेड़ों के ऊपर बैठे देखा है। ऐसे दृश्यों को देखने वाले लोग अक्सर मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं या बेहोश हो जाते हैं।

दरगाह की चमत्कारी शक्ति

हालांकि यह दरगाह डर और रहस्य से भरी हुई है, लेकिन लोग इसे चमत्कारी भी मानते हैं। कई भक्त यहां आकर मानसिक रोग, तांत्रिक बाधा और आत्मिक परेशानियों से छुटकारा पाने की मन्नत मांगते हैं। गुरुवार और शनिवार को विशेष भीड़ देखी जाती है, जब पीड़ित लोग झाड़-फूंक और दुआ करवाने यहां पहुंचते हैं।

यहां एक खास बात यह भी है कि दरगाह की सीमा में शाम 6 बजे के बाद कोई भी दीपक या मोबाइल टॉर्च नहीं जलती – जैसे कोई अदृश्य शक्ति रोशनी को रोक देती हो। यह बात यहां की रहस्यमयी ताकतों की पुष्टि करती है।

निष्कर्ष

राजस्थान की यह काली बावड़ी दरगाह न सिर्फ रहस्य और डर का केंद्र है, बल्कि आस्था और चमत्कारों का अद्भुत संगम भी है। जहां एक ओर लोग इससे डरते हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी परेशानियों का समाधान भी यहीं ढूंढते हैं। यह दरगाह उन अनोखे स्थानों में से एक है, जो विज्ञान और तर्क से परे जाकर एक अलौकिक दुनिया का अनुभव कराती है। अगर आप भी रहस्यों को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो यह दरगाह आपके लिए एक रोचक मंज़िल बन सकती है।

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