"क्या आपको रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को ऑफिस जाना पसंद है?"
इस सवाल का जवाब ज़्यादातर लोग "नहीं" में ही देंगे। आखिर छुट्टी के दिन का सुकून, देर तक सोना और परिवार के साथ बिताया गया समय इतना प्यारा होता है कि उसके बाद सीधे काम पर लौटना किसी झटके से कम नहीं लगता। इसी वजह से दुनिया भर में ‘ब्लू मंडे’ यानी उदास सोमवार जैसी धारणा प्रचलित है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां सोमवार का दिन लोगों के लिए त्योहार जैसा होता है? खासकर लड़कों के लिए ये दिन किसी जश्न से कम नहीं होता, क्योंकि उन्हें इस दिन एक अनोखी छूट मिलती है—जिसके तहत वो अपनी पसंद की लड़की को पानी से सिर से पैर तक भिगो सकते हैं।
जी हां! यह कोई मज़ाक नहीं, बल्कि पूर्वी यूरोप की एक पारंपरिक संस्कृति का हिस्सा है, जो आज भी बड़े उत्साह से मनाई जाती है।
कौन सा देश मनाता है 'गीला सोमवार'?यह अनोखी परंपरा यूरोप के पोलैंड, चेक गणराज्य और यूक्रेन जैसे देशों में देखने को मिलती है। यहां ईस्टर संडे के बाद वाले सोमवार को 'Wet Monday' यानी गीला सोमवार (स्थानीय भाषा में Śmigus-Dyngus) के नाम से मनाया जाता है।
इस दिन का खास आकर्षण होता है—पानी से भिगोने का उत्सव। लड़के बाल्टियों, पानी की बोतलों, और यहां तक कि वॉटर गन लेकर गलियों और सड़कों पर निकलते हैं और अपनी पसंद की लड़कियों को पानी से भिगो देते हैं।
इस परंपरा के पीछे क्या है मान्यता?ईस्टर के ठीक बाद मनाया जाने वाला गीला सोमवार एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। मान्यता के अनुसार, पानी से भिगोने से इंसान के पाप धुल जाते हैं और वह आत्मिक रूप से शुद्ध होता है।
लेकिन इसके साथ ही एक और दिलचस्प परंपरा जुड़ी है—
यदि कोई लड़का किसी खूबसूरत लड़की को भिगोता है और वह लड़की इसका विरोध नहीं करती, तो यह माना जाता है कि वह लड़का उसके लिए उपयुक्त वर हो सकता है। समय के साथ यह परंपरा हल्के-फुल्के मज़ाक और flirtation में बदल गई है।
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या ये मौका सिर्फ लड़कों को ही मिलता है? तो जवाब है—नहीं।
लड़कियों के लिए गीला मंगलवार होता है। यानी, ईस्टर के मंगलवार को लड़कियां लड़कों को पानी से भिगोकर बदला ले सकती हैं।
हालांकि, ज़मीनी हकीकत ये है कि सोमवार को ही दोनों पक्ष मिलकर इस त्योहार को मस्ती और मज़ाक के साथ मनाते हैं। कभी लड़के शुरुआत करते हैं, तो कभी लड़कियां पहले हमला बोल देती हैं।
त्योहार बन गया मस्ती और chaos का मेलWet Monday अब एक ऐसा त्योहार बन चुका है जो त्योहार और फुल-ऑन मस्ती का मेल है। लोग गलियों में बाल्टी, मग, पानी की बोतल और वॉटर गन लेकर घूमते हैं। कई बार तो इतने जोश में आ जाते हैं कि एक-दूसरे पर बाल्टी से पानी फेंकते वक्त छीना-झपटी भी हो जाती है।
कुछ किस्सों में तो कारों के शीशे टूटने, सड़कों पर फिसलने, और कपड़े भीगने की वजह से हंगामे तक की खबरें आती हैं। लेकिन इसके बावजूद, लोग इस दिन को भरपूर उत्साह के साथ मनाते हैं।
युवाओं के लिए रोमांचक दिनयह त्योहार युवाओं के लिए फ्लर्टिंग का मज़ेदार तरीका भी बन गया है। लड़के-लड़कियां इस दिन इशारों में अपने दिल की बात कह जाते हैं, बिना कुछ कहे। कोई यदि आपको बार-बार भिगो रहा है, तो शायद वो आपको पसंद करता है! और अगर आप विरोध नहीं कर रहे हैं, तो शायद आपको भी उसमें कुछ दिलचस्पी है।
समय के साथ बदली परंपराशुरुआत में गीला सोमवार एक धार्मिक रीति थी जिसका संबंध आत्मशुद्धि और पापों से मुक्ति से था। लेकिन अब यह त्योहार एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है।
शहरों में वॉटर गन, बोतलें, और कूलर से पानी फेंका जाता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में लोग अब भी परंपरागत तरीके से बाल्टी या मग का उपयोग करते हैं। छोटे बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी इसमें हिस्सा लेते हैं।
क्या भारत में भी कुछ ऐसा हो सकता है?अगर हम भारत की बात करें तो होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें कुछ हद तक ऐसा ही माहौल देखने को मिलता है—पानी, रंग, हंसी और मस्ती। लेकिन भारत में सोमवार को "वर्क डे" माना जाता है और ज्यादातर लोग उस दिन तनाव और आलस्य का शिकार रहते हैं।
क्या सोमवार को ऐसा कोई "फन डे" बन सकता है? शायद नहीं, लेकिन यह परंपरा यह जरूर बताती है कि काम के बोझ वाले दिन को भी मस्ती में बदला जा सकता है, बस ज़रूरत है सोच बदलने की।
निष्कर्षजब पूरी दुनिया सोमवार को कोसती है, तब पूर्वी यूरोप के कुछ देश इसे सबसे मज़ेदार दिन बनाते हैं। पोलैंड, यूक्रेन और चेक गणराज्य जैसे देशों में गीला सोमवार सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्सव है जिसमें लोग हंसते हैं, एक-दूसरे के करीब आते हैं और पुराने पापों से मुक्त होकर नई शुरुआत करते हैं।
तो अगली बार जब सोमवार आए, तो उस पर गुस्सा मत कीजिए। सोचिए, काश हमारे यहां भी कोई ऐसा 'वेट मंडे' होता—तो शायद काम पर जाना भी किसी उत्सव जैसा लगने लगता!
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