भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। सभी देवताओं में उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है, इसलिए उन्हें प्रथम पूजनीय भी कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। आपको बता दें कि बप्पा की पूजा करने के लिए बुधवार का दिन सबसे शुभ होता है। ऐसे में बुधवार के दिन रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है। साथ ही बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। हालांकि अगर आप पूजा का दोगुना लाभ पाना चाहते हैं तो आपको कुछ मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। इन मंत्रों के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और वे आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्रा शास्त्री से जानते हैं कि बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा के दौरान किन मंत्रों का जाप करना चाहिए-
बुधवार के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के खास मंत्र
'ओम गं गणपतये नमः'
'गजानंद एकाक्षर मंत्र' भगवान गणेश के सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्रों में से एक है। इस मंत्र के उच्चारण मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बुधवार के दिन पूजा के दौरान इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इससे आपके सभी काम सफल होंगे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
'ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्व कार्यशु सर्वदा।'
अर्थ- गणेश जी का यह मंत्र सबसे लोकप्रिय है। इस मंत्र का अर्थ है कि जिनकी सूंड टेढ़ी है, जिनका शरीर विशाल है, जो करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी हैं, वही भगवान मुझे बिना किसी बाधा के मेरे सभी काम पूरे करने का आशीर्वाद दें। इससे बप्पा प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वर सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
अर्थ- यह मंत्र समाज में मान-सम्मान दिलाता है। अगर आपको बहुत प्रयासों के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है तो आपको इस मंत्र का रोजाना 108 बार जाप करना होगा। इस उपाय को करने से व्यक्ति की नौकरी की समस्या तुरंत दूर हो जाती है।
‘ॐ एकदंताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तीः प्रचोदयात्।’
श्री गणेश गायत्री मंत्र फलदायी माना जाता है। बुधवार की पूजा में इस मंत्र का 108 बार जाप करने से व्यक्ति का भाग्य चमकता है और सभी काम अनुकूल सिद्ध होते हैं। साथ ही भगवान गणेश की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
‘ॐ ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे’
कुंडली में बुध से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप प्रभावी माना जाता है।
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