कभी अपनी चमचमाती बीएमडब्ल्यू और भगवा कपड़ों से चमकने वाले बाबा चैतन्य नंद अब चप्पल पहने पुलिस की गिरफ्त में हैं। वो पासवर्ड भूल जाने का बहाना बना रहे हैं, लेकिन उनके 300 पन्नों के राज़ उनके गुनाहों की गवाही दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस उनसे पाँच दिन की रिमांड पर पूछताछ कर रही है। बाबा का "गंदा राज़" परत दर परत खुल रहा है।
बाबा की चालाकी किस हद तक पहुँच सकती है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भागते हुए उन्होंने मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था। लेकिन तब तक पुलिस को आगरा में उनकी आखिरी लोकेशन मिल चुकी थी। फिर, पुलिस ने आगरा और उसके आसपास उनकी तलाश शुरू कर दी। पहले उन्हें तस्वीरें मिलीं और फिर उनकी लोकेशन।
नतीजतन, उन्हें आधी रात को होटल "द फर्स्ट" के कमरा नंबर 101 से गिरफ़्तार कर लिया गया। उन्हें पाँच दिन की रिमांड पर लिया गया है। पुलिस अब उनकी असली कार्यप्रणाली जानना चाहती है। लड़कियों की शिकायतों ने उनके राज़ उजागर कर दिए हैं, लेकिन पुलिस उनसे यह भी जानना चाहती है कि वो यह धंधा कैसे चलाते थे।
दिल्ली स्थित शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च पर उसका पूरा नियंत्रण था। गरीब परिवारों की लड़कियाँ उसकी पहली पसंद थीं। वह उन्हें निशाना बनाता और उनका यौन शोषण करता। लेकिन इस बार उसकी हरकतों का राज़ एक वायुसेना अधिकारी तक पहुँच गया। वह वायुसेना मुख्यालय के शिक्षा निदेशालय में ग्रुप कैप्टन के पद पर है। उसने संस्थान को एक पत्र लिखा।
पीथम ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की और बिना देर किए चैतन्य नंद के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। बाबा पर लगे आरोपों की सूची लंबी है। उसने हॉस्टल के कमरों में छिपे हुए कैमरे लगा रखे थे। वह इन कैमरों से लड़कियों के निजी पलों को रिकॉर्ड करता और फिर उन्हीं तस्वीरों के ज़रिए उन्हें ब्लैकमेल करता। वह छात्राओं को अश्लील मैसेज भेजता और रात में उन्हें अपने कमरे में बुलाता।
जो छात्राओं ने मना किया, उन्हें धमकाकर वह उनका करियर बर्बाद कर देता। उसने कई छात्राओं को विदेश ले जाने का झांसा दिया। उसने उनसे कहा कि अगर वे सहयोग करेंगी, तो उन्हें शानदार सुविधाएँ और अच्छे नंबर मिलेंगे। मना करने पर वह उनका करियर बर्बाद करने की धमकी देता। एक पूर्व छात्रा ने भी उसकी गतिविधियों का पर्दाफाश किया। शिकायत में कहा गया है कि वार्डन समेत तीन-चार महिलाएँ बाबा से जुड़ी थीं।
वह लड़कियों को डरा-धमकाकर अपने कमरों में ले जाता था और अगर मामला बिगड़ जाता, तो उनके फ़ोन से बाबा के आपत्तिजनक मैसेज डिलीट कर देता था। इसका मतलब था कि पूरा सिस्टम बाबा के अपराधों को छिपाने में लगा था। चैतन्य पहले वसंत कुंज स्थित श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महास्थानम दक्षिणामान्य श्री शारदा पीठम के कुलाधिपति थे, लेकिन अब वे बंदी हैं।
पाखंडी बाबा सिर्फ़ उन्हीं लड़कियों को निशाना बनाता था जो आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों की आर्थिक रूप से कमज़ोर लड़कियों यानी आर्थिक रूप से कमज़ोर कोटे के तहत आती थीं, जिनमें प्रतिरोध करने की शक्ति कम होती थी। इसलिए, दिल्ली पुलिस को उसके ख़िलाफ़ मिली शिकायत 300 से ज़्यादा पन्नों की है। इनमें से कई जानकारियाँ चौंकाने वाली हैं। अब तक पुलिस 30 से ज़्यादा छात्राओं से पूछताछ कर चुकी है।
इनमें से 17 महिलाओं ने बाबा के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है और 16 महिलाओं ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज कराए हैं। इन सभी ने कहा कि संस्था में बाबा की इच्छा सर्वोपरि है। वह मनमानी करता था, लड़कियों को डराता-धमकाता और उनका शोषण करता था। शिकायतें सामने आते ही श्री शारदा पीठम ने उससे सारे संबंध तोड़ लिए और स्पष्ट कर दिया कि वह उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता है।
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