एक समय था जब पाकिस्तान विश्व क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान रखता था। ताबड़तोड़ गेंदबाजों से लेकर विस्फोटक बल्लेबाजों तक, टीम में हर तरह के खिलाड़ी मौजूद थे। पाकिस्तान की चुनौती किसी भी टीम के लिए आसान नहीं थी। या यूँ कहें कि उन्हें हराना बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन पिछले डेढ़ दशक में पाकिस्तान क्रिकेट की हालत बद से बदतर होती चली गई है। यूएई और ओमान जैसी टीमों के खिलाफ भी जीतना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है।
ऐसे में जब मौजूदा पाकिस्तानी टीम की तुलना भारत से की जाती है, तो वह कहीं नहीं ठहरती। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण, दोनों टीमों के बीच मुकाबले की खूब चर्चा होती है, लेकिन पाकिस्तानी टीम में अब ऐसा कुछ नहीं है जो भारत को टक्कर दे सके। यही वजह है कि महान सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान को पोपटवाड़ी टीम कहा है।
सुनील गावस्कर ने पाकिस्तानी टीम के बारे में क्या कहा?
बता दें कि सुनील गावस्कर एशिया कप में कमेंट्री और ब्रॉडकास्टिंग पैनल का हिस्सा हैं। सोनी नेटवर्क पर एक चर्चा के दौरान, सुनील गावस्कर ने इरफ़ान पठान, अजय जडेजा और वीरेंद्र के साथ एक पुराना किस्सा साझा करते हुए कहा, 'अजय, इरफ़ान और वीरू मेरी बात से सहमत हों या न हों, मैं 1960 से पाकिस्तानी टीम देख रहा हूँ, जब मैं हनीफ़ मोहम्मद साहब को देखने के लिए चर्चगेट स्टेशन से ब्रेबोर्न स्टेडियम तक दौड़ा था। मैं वहीं से देख रहा हूँ। इस मैच में, इतने सालों बाद पहली बार मुझे लगा कि यह पाकिस्तानी टीम नहीं, कोई पोपटवाड़ी टीम है।'
भारत के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हुआ पाकिस्तान
दरअसल, सुनील गावस्कर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के मैच पर चर्चा कर रहे थे। मैच के बारे में बात करते हुए, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तानी टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर 127 रन ही बना सकी। जवाब में टीम इंडिया ने 15.5 ओवर में सिर्फ़ 3 विकेट खोकर 131 रन बनाकर मैच 7 विकेट से जीत लिया।
You may also like
IND vs WI: दिल्ली में बल्लेबाजों की चांदी या स्पिनरों को मिलेगी मदद, दूसरे टेस्ट में ऐसी होगी अरुण जेटली स्टेडियम की पिच
अमेरिका के कैलिफोर्निया में दिवाली के दिन छुट्टी, स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर रहेंगे बंद
'स्पोर्ट्स इकॉनमी' के लिए बहुत ही रोमांचक होने वाले हैं आगामी 5-10 साल : ईशान चटर्जी
'2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा: ब्रिटिश पीएम स्टार्मर
जब गोपबंधु दास ने महात्मा गांधी को ओडिशा बुलाया, खंडगिरि में जगी आजादी की चेतना, 'उत्कलमणि' की प्रेरणादायक कहानी