-सीएसजेएमयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में फिल्म मेकिंग वर्कशाप का तीसरा दिन
कानपुर, 17 अप्रैल . छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) कानपुर में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की तीन दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप रंगशिला प्रोडक्शन और जेआईएमएमसी के संयुक्त तत्वाधान में तीसरे दिन गुरुवार को संपन्न हो गई. वर्कशॉप के तीसरे दिन छात्रों को विजुअल स्टोरी राइटिंग, एक्टिंग और डायरेक्शन के बारे में बताया गया. छात्रों ने नाटक के माध्यम से अपनी एक्टिंग को एक्सपर्ट के सामने प्रदर्शित किया.
छात्रों ने जाने एक्टिंग के नियम
एक्टर शशि भूषण चतुर्वेदी ने छात्रों को एक्टिंग के नियम बताते हुए कहा कि अच्छा एक्टर होने के लिए अच्छा इंसान होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेकिंग का एक ऐसा पहलू है जो परफॉर्मेंस के अलावा हमें प्रेशर हैंडलिंग भी सिखाता है. उन्होंने कैमरा एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग के बारे में छात्रों को बताया.
सिनेमा में प्रॉब्लम सॉल्विंग की कला आनी जरूरी: सचिन मालवीय
फिल्म के सभी पहलुओं पर बात करते हुए सचिन मालवीय ने कहा कि सिनेमा के क्षेत्र में आने वाले व्यक्ति के पास प्रॉब्लम सॉल्विंग की स्किल होना बहुत जरूरी है. उन्होंने छात्रों को स्क्रिप्ट राइटिंग, स्क्रिप्ट ब्रेकडाउन के बारे में बताया. छात्रों को फेड इन सॉफ्टवेयर पर स्क्रिप्ट राइटिंग करना भी बताया. सिनेमैटोग्राफी के एक्सपर्ट असीम बजाज ने फिल्मों के बारे में बात करते हुए कहा कि फिल्में समाज का हिस्सा है. किसी कहानी को कहने के लिए हम फिल्म बनाते हैं और यह कहानी सोसाइटी के इमोशंस और सोसाइटी की समस्याओं को उठाती है. कार्यशाला में अवनीश मिश्रा ने डायरेक्शन के बारे में बताते हुए कहा कि सेट पर जाने से पहले हमें पूरी तैयारी करना चाहिए ताकि समय और पैसा दोनों बचे. उन्होंने कहा कि डायरेक्शन के लिए एक विजन की आवश्यकता होती है जो रोज धीरे धीरे सेट पर काम करने से विकसित होता है. उन्होंने कहा कि आपके पास 24 घंटे में फिल्म बनाने का एक सुनहरा मौका है. आपकी बनाई गई फिल्म आपको आगे अच्छे मौके दे सकती है.
दूसरे सेशन में छात्रों को 30 मिनट में भीतर शॉर्ट फिल्म बनाने का चैलेंज मिला. टास्क में यह नियम रखा गया कि फिल्म में म्यूजिक का इस्तेमाल नहीं होगा जिससे यह टास्क और भी रोचक हो गया. इस एक्सरसाइज से छात्रों ने विजुअल स्टोरी टेलिंग के बारे में जाना. छात्रों को 24 घंटे के भीतर बनाए जाने वाली शॉर्ट फिल्म के नियम भी बताए गए. कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डॉ विशाल शर्मा , सहायक विभागाध्यक्ष डॉ ओमशंकर गुप्ता डॉ . जितेन्द्र डबराल , डॉ योगेन्द्र पांडेय , डॉ दिवाकर अवस्थी , डॉ . रश्मि गौतम , प्रेम किशोर शुक्ला ,सागर कनौजिया समेत सभी सदस्य मौजूद रहे.
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/ मो0 महमूद
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