फरीदाबाद, 25 अप्रैल . सेक्टर-28 क्षेत्र में ‘अमेरिकन बुली’ डॉग आगरा नहर किनारे एक पेड़ से बंधा मिला. डॉग कई दिनों से भूखा-प्यासा था और लगातार चिल्ला रहा था. उसकी आवाज सुनकर एक राहगीर मौके पर पहुंचा. बाद में पीपल फॉर एनिमल्स की मदद से डॉग को इलाज के लिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. घटना स्थल सुनसान और निर्जन क्षेत्र है, जहां आमतौर पर कोई आता-जाता नहीं है. इसी वजह से वहां कई दिनों तक डॉग की देखभाल नहीं हो पाई. जब राहगीर ने डॉग की आवाजें सुनीं, तो वह पास गया और स्थिति देखकर एक मीडिया कर्मी को बुलाया. मीडिया कर्मी ने तत्काल डॉग को पानी पिलाया और बताया कि वह इतनी प्यासा था कि एक ही बार में काफी मात्रा में पानी पी गया. वहीं पीएफए से संपर्क किया गया. पीएफए की टीम मौके पर पहुंची और डॉग को पेड़ से मुक्त कराया. उसके बाद टीम की यूनिट हेड वृंदा शर्मा डॉग को अपने साथ इलाज के लिए ले गईं. वृंदा शर्मा ने बताया कि डॉग की हालत गंभीर थी क्योंकि वह कई दिनों से भूखा और प्यासा था. उसका वजन भी कम हो गया है और वह काफी कमजोर हो गया है. फिलहाल डॉग का इलाज हर्षिता नाम की पशु प्रेमी की देखरेख में किया जा रहा है और एक हफ्ते तक उपचार चलेगा. जानवरों के जानकारों के अनुसार अमेरिकन बुली नस्ल की गिनती खतरनाक और ताकतवर कुत्तों में होती है. इस नस्ल को पालने के लिए अच्छी देखभाल, उच्च गुणवत्ता का भोजन और नियमित व्यायाम जरूरी होता है. इनकी परवरिश में अच्छा खासा खर्च आता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद इसी वजह से किसी व्यक्ति ने डॉग को सुनसान स्थान पर लाकर बांध दिया ताकि कोई उसे खोज न सके. पीएफए की यूनिट हेड वृंदा शर्मा ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि अगर किसी के पास किसी जानवर को पालने की क्षमता नहीं है, तो उसे अपनाना ही नहीं चाहिए. किसी भी कारणवश अगर डॉग को नहीं रख सकते, तो उसे किसी जानवर-प्रेमी को सौंप दें या संस्था को सूचित करें. इस तरह पेड़ से बांधकर छोड़ देना अमानवीय और गैरकानूनी है.
/ -मनोज तोमर
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