नदिया, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । ज़िले के बेथुआढहरी का एक नौ वर्षीय बच्चा 3.5 फीट लंबे जहरीले सांप के डसने से मौत के कगार पर पहुंच गया था। चार अस्पतालों ने उसे लौटा दिया था। अंततः दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद बच्चे की जान बचाई जा सकी।
सूत्रों के मुताबिक, सांप के डसने के बाद बच्चे को पहले एनआरएस मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने देखा कि बच्चे के फेफड़े धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहे हैं और तुरंत वेंटिलेशन की ज़रूरत है। लेकिन उस समय अस्पताल में पीडियाट्रिक वेंटिलेशन उपलब्ध नहीं था। बच्चे को अन्य अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन इलाज संभव नहीं हो पाया।
आखिरकार दक्षिण कोलकाता के निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसकी जान बचाई जा सकी। वहां के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. संजुक्ता दे ने बताया, “जांच में स्पष्ट हो गया कि बच्चे को रेस्पिरेटरी पैरालिसिस हो रहा है। उसे तुरंत वेंटिलेशन पर रखा गया और एवीएस दिया गया।”
डॉ. दे ने बताया कि परिवार ने पहले भी बच्चे को एवीएस दिलवाया था, लेकिन डोज़ पर्याप्त नहीं थी। बच्चे के पैर की ऊंगली में चार छोटे छेद पाए गए, जिससे पता चला कि उसे दो बार सांप ने काटा था और शरीर में काफी मात्रा में ज़हर फैल गया था।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
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