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सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत 'मां जगदशिला डोली यात्रा' पहुंची बागेश्वर

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देहरादून, 19 मई . उत्तराखंड की पावन भूमि इन दिनों आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना से सराबोर है. हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी से 8 मई को प्रारंभ हुई ‘विश्वनाथ मां जगदशिला डोली यात्रा’ अब बागेश्वर जनपद पहुंच चुकी है, जहां बाबा बागनाथ मंदिर परिसर में डोली का भव्य स्वागत किया गया.

डोली यात्रा का नेतृत्व कर रहे यात्रा संयोजक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रसाद नैथानी के साथ मंदिर समिति व स्थानीय श्रद्धालुओं ने फूल-मालाओं और जयकारों के साथ डोली का स्वागत किया. इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु सम्मिलित हैं, जो आस्था की इस ऐतिहासिक परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं.

मंत्री प्रसाद नैथानी ने जानकारी दी कि यह डोली यात्रा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में भ्रमण करते हुए लगभग 10,500 किलोमीटर की दूरी तय करती है, और इसका समापन टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक स्थित विशौन पर्वत पर होगा. यह यात्रा पिछले 26 वर्षों से जारी है, जिसका उद्देश्य विश्व शांति और सांस्कृतिक संरक्षण है.

पूर्व मंत्री प्रसाद नैथानी ने यात्रा का धार्मिक महत्व बताते हुए कहा कि टिहरी जिले में स्थित विशौन पर्वत पर महर्षि वशिष्ठ ने तपस्या की थी और इसी स्थान पर यात्रा विश्राम लेती है. पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि विश्वनाथ मां जगदशिला डोली यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, आस्था और जनसंपर्क का एक अद्भुत उदाहरण बन चुकी है. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि डोली गरुड़, कपकोट और कांडा के कई मंदिरों में भी पहुंचेगी.

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/ Vinod Pokhriyal

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