– भाजपा नेताओं ने एनआईए कोर्ट के फैसले को बताया सत्य की जीतभोपाल, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम विस्फोट मामले में आरोपित भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एनआईए की विशेष अदालत से बरी होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें गलत तरीके से इस केस में आरोपित बनाया गया। इससे उनका जीवन बर्बाद हो गया। उन्हें अपने ही देश में आतंकवादी बना दिया गया। इधर, मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं ने एनआईए कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताया है।
दरअसल, मालेगांव बम विस्फोट मामले में गुरुवार को मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट ने आरोपित साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपितों को बरी किया है। विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने इस मामले का फैसला सुनाते हुए कहा कि केवल संदेह के आधार पर मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। अभियोजन पक्ष आरोपितों के खिलाफ आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। समाज के खिलाफ एक गंभीर घटना हुई है, लेकिन अदालत केवल नैतिक आधार पर दोषी नहीं ठहरा सकती। फैसला सुनाते समय साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मौजूद रही।
उन्होंने फैसला आने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने शुरू से ही कहा है कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उसके पीछे कोई आधार होना चाहिए। मुझे जांच के लिए बुलाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी, लेकिन मुझे फंसा दिया गया और मुझ पर आरोप लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वेच्छा से हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। मैं जीवित हूं, क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं। उन्होंने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और जो दोषी हैं उन्हें भगवान सजा देंगे। हालांकि, जिन्होंने भारत और भगवा को बदनाम किया, वे आपके द्वारा गलत साबित नहीं हुए हैं।
इधर, एनआईए कोर्ट का फैसला आने के बाद मध्य प्रदेश के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी । मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने सदन में बताया कि मालेगांव ब्लास्ट केस में पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर को कोर्ट ने बरी कर दिया है और इसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि हिंदू आतंकवाद नाम की कोई बात नहीं है। वहीं, मध्य प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता राष्ट्रीय विचारधारा का कार्यकर्ता है और न्यायालय पर भरोसा करता है। दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। हमारी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर तथाकथित सरकारों द्वारा झूठे मुकदमे लगाए थे। कोर्ट के फैसले से सत्य की जीत हुई।
वहीं, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि न्यायालय के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। प्रज्ञा सिंह हमारी सनातन की एक रक्षक हैं और कहीं ना कहीं ईश्वर की कृपा से जो फैसला आया है, वह सनातन के पक्ष में आया है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। प्रज्ञा सिंह ने जो कष्ट सहे उन पर आज न्याय मिला। इंदौर से भाजपा विधायक मालिनी गौड़ ने कहा कि कांग्रेस को साध्वी का श्राप लगा है।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता उमा भारती ने मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सहित सभी आरोपियों के बरी होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं इतनी खुश हूं कि मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। जब प्रज्ञा नासिक जेल में थीं, मुझे एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से पता चला कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था। मैं उनसे मिलने गई थी जब कोई और नहीं जाता था। जब मैं उनसे मिली तो मैं रोई, जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, वह किसी भी महिला के लिए सहन करना बहुत मुश्किल है। मैं पूछना चाहती हूं कि पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी, वामपंथी, समाजवादी और कांग्रेस के नेताओं को क्या सजा मिलनी चाहिए, जिन्होंने ‘भगवा आतंक’ शब्द को स्थापित करने की कोशिश की? उनके खिलाफ असाधारण कार्रवाई की जानी चाहिए।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह कोर्ट का फैसला है, जो सभी को स्वीकार होगा। सच है या झूठ है। कोर्ट ने तो फैसला दे दिया। वहीं, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई ब्लास्ट केस में अपील की थी। इस मामले में भी महाराष्ट्र सरकार को अपील करनी चाहिए। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि आतंकवादी तो आतंकवादी होता है, उसमें भगवा कहना गलत है। मेरी निजी सोच है कि जो लोग गोडसे का समर्थन करते हैं, कम से कम लोकतंत्र में उनके लिए हमारे दिल में कोई जगह नहीं है।
—————-
(Udaipur Kiran) तोमर
You may also like
एसएससी क्या है, जिसकी परीक्षाओं में गड़बड़ी के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे स्टूडेंट्स
पाकिस्तान में तेल के 'विशाल भंडार' कहां हैं, जिसे लेकर ट्रंप ने किया समझौते का एलान
'उदयपुर फाइल्स' विवाद: दिल्ली हाई कोर्ट ने समिति के सुझावों पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को यौन उत्पीड़न विरोधी कानून के दायरे में लाने की याचिका खारिज की
उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख घोषित, 9 सितंबर को होगा मतदान