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सिवनी: थांवरझोड़ी ग्राम नशामुक्त बनकर अन्य गांवों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा : राज्यपाल मंगुभाई पटेल

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सिवनी, 21 अगस्‍त (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल गुरुवार को कुरई विकासखण्ड के ग्राम थांवरझोड़ी पहुँचे। ग्रामवासियों ने उनका परंपरागत कलश यात्रा और गोंडी नृत्य से आत्मीय स्वागत किया। ग्रामीणों में इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह का माहौल रहा।

राज्यपाल ने ग्राम परिचय कार्यक्रम में शामिल होकर कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर योजनाएं संचालित कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने गरीब परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चिंताओं से राहत दी है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाई है, वहीं आजीविका मिशन से जुड़कर बहनें आर्थिक स्वावलंबन का उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं।

राज्यपाल ने जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना को आदिवासी समाज की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। यह योजना युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़कर उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने का माध्यम है।

उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री धरती आबा योजना बिरसा मुंडा की प्रेरणा से संचालित होकर जनजातीय परिवारों को आवास, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। राज्यपाल ने कहा कि इन योजनाओं से आदिवासी जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है और परिवार मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

राज्‍यपाल मंगुभाई पटेल यहां ग्राम में परंपरागत खाट पर बैठेे जिसके बाद पेसा पंचायत आयोजित हुई। इसमें सरपंच कल्पना उइके ने ग्राम को नशामुक्त बनाने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया और यह निर्णय लिया गया कि नशा करने वालों पर 1000 रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह राशि ग्राम विकास कार्यों में उपयोग होगी। पंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से नशामुक्ति का संकल्प लिया।

राज्यपाल ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि नशे की लत से न केवल व्यक्ति, बल्कि उसका पूरा परिवार प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि थांवरझोड़ी ग्राम नशामुक्त बनकर अन्य गांवों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। उन्‍होंने सभी को नशामुक्ति की शपथ दिलाई।

राज्यपाल ने सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी के उन्मूलन पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि यह वंशानुगत रोग विशेषकर जनजातीय समाज में व्यापक है और इससे पीड़ित व्यक्ति को एनीमिया, हड्डियों में दर्द व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि विवाह से पहले वर-वधू दोनों का सिकल सेल कार्ड अनिवार्य रूप से मिलाया जाए। यदि दोनों ही रोगग्रस्त अथवा वाहक हों तो विवाह न किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहे।

राज्यपाल ने लक्ष्य रखा कि वर्ष 2047 तक भारत को सिकल सेल मुक्त बनाने में सभी का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जन-जागरूकता शिविरों और परीक्षण कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भागीदारी होनी चाहिए।

कार्यक्रम में जिले की अभिनव पहल “मिशन जीवन पर्यंत” का नाटक के माध्यम से मंचन किया गया। इस पहल के अंतर्गत लाडली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं को अटल पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनका भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सके। राज्यपाल ने इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि सिवनी जिला प्रशासन का यह नवाचार महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है।

इस अवसर पर विधायक बरघाट कमल मर्सकोले ने भी ग्रामीणों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य जनजातीय समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में सशक्त बनाना है। उन्होंने ग्रामीणों से योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने की अपील की।

(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया

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