न्यू इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी को राशि अदा करने के आदेश
जोधपुर, 27 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . Rajasthan उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेखा बोराणा ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा कि यदि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मेडीक्लेम बीमा पॉलिसी के तहत चिकित्सा व्यय का भुगतान किया गया है, तो उस राशि का लाभ वाहन की बीमा कंपनी नहीं ले सकती. उन्होंने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण जोधपुर प्रथम द्वारा अवॉर्ड राशि में से चिकित्सकीय व्यय राशि 3 लाख 15 हजार रुपये की कटौती को रद्द करते हुए यह राशि मय ब्याज अदा करने का न्यू इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी को आदेश दिया.
अपीलार्थी पीयूष चौधरी की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि दुर्घटना में घायल होने पर उन्होंने मुआवजे के साथ ही चिकित्सकीय व्यय के मद में 5 लाख 45 हजार 350 रुपये की मांग की, लेकिन अधिकरण ने 2 लाख 30 हजार 350 रुपए ही इस मद में स्वीकार किए और 3 लाख 15 हजार रुपये की कटौती यह कहकर कर दी कि इस राशि का भुगतान मेडीक्लेम बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनी पहले ही कर चुकी है. अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि मेडीक्लेम बीमा पॉलिसी का प्रीमियम अदा किया गया है सो कटौती किया जाना गलत है. बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि इसी मद में एक बार और भुगतान किया जाना अनुचित होगा.
न्यायाधीश रेखा बोराणा ने आंशिक रूप से अपील मंजूर करते हुए कहा कि मेडीक्लेम बीमा पॉलिसी बिना प्रीमियम जारी नहीं होती है और प्रीमियम अदा करने पर ही मेडीक्लेम बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनी ने चिकित्सकीय व्यय राशि 3 लाख 15 हजार रुपये का भुगतान किया है, जिसका फायदा वाहन की वर्तमान बीमा कंपनी यह कहकर नहीं ले सकती है कि इससे दावेदार को एक ही राशि 3 लाख 15 हजार रुपये दुबारा प्राप्त हो जाएगी. उन्होंने अन्य मद में पारित अवॉर्ड राशि को वाजिब बताया तथा चिकित्सकीय व्यय राशि 3 लाख 15 हजार रुपये की कटौती को रद्द करते हुए अवॉर्ड राशि 8 लाख 9 हजार 640 रुपये को बढ़ाकर 11 लाख 24 हजार 640 रुपये मय ब्याज अदा करने का बीमा कंपनी को आदेश दिया.
(Udaipur Kiran) / सतीश
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