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बरसात में अस्थमा एवं सीओपीडी रोगियों को विशेष रोकथाम एवं सतर्कता जरूरी : डॉ. अभिषेक सिंह

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प्रयागराज, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । बरसात के मौसम में अस्थमा एवं सीओपीडी रोगियों के लिए विशेष रोकथाम एवं सतर्कता रखना चाहिए। यदि अस्थमा तथा सी.ओ.पी.डी के रोगी इस मौसम में सावधानी नहीं बरतते हैं तो उन्हें का परेशानी सामना करना पड़ सकता है। यह जानकारी रविवार को प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के टी.बी. एवं श्वसन रोग विभाग के डॉ. अभिषेक सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में जहां समस्त प्रकृति में हरियाली और ठंडक भर देता है, वहीं अस्थमा (दमा) और सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के रोगियों के लिए यह मौसम चुनौतियों से भरा रहता है। इस दौरान वातावरण में नमी की अधिकता, परागकण, फफूंद (मोल्ड), धूल-मिट्टी के कण, और तात्कालिक तापमान परिवर्तनों के कारण सांस संबंधी समस्याएं अधिक बढ़ जाती हैं ।

जाने ऐसे मौसम में कैसी रखनी है सावधानी

डॉ. अभिषेक सिंह ने बताया कि अत्यधिक वर्षा, नमी, या ओस में बाहर निकलने से बचें। आवश्यक होने पर मास्क या स्वच्छ कपड़ा नाक-मुँह पर रखें, जिससे हवा में मौजूद धूल, फफूंद व परागकण आपकी सांस प्रणाली में प्रवेश न कर सकें l

अपने घरों में नमी का स्तर कम रखें। घर में डी-ह्यूमिडिफायर या एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, ताकि फफूंद, एलर्जी व धूल-मिट्टी का जमाव न हो सके l

गीले कपड़े, गद्दे या वस्तुएँ घर में इकट्ठा न होने दें; इन्हें नियमित रूप से धूप में सुखाएं।

हर प्रकार की सतह—विशेषकर बाथरूम, रसोई या कम वेंटिलेशन वाले कमरों की—नियमित सफाई करें, क्योंकि इनमें फफूंद तेजी से पनप सकती है l

सर्दी-जुकाम, खांसी अथवा किसी प्रकार के श्वसन संक्रमण के लक्षण नजर आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

डॉक्टर द्वारा निर्धारित इनहेलर, दवाएं एवं अन्य आपातकालीन औषधि सदैव अपने पास रखें और समयानुसार नियंत्रणवाले इनहेलर्स का नियमित उपयोग करें l

श्वसन का अभ्यास, जैसे प्राणायाम, या हल्की साँस संबंधी एक्सरसाइज घर में रहकर नियमित रूप से करें। इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।

– अत्यधिक ठंडी या बासी खाद्य एवं पेय पदार्थों से बचें। गर्म, हल्का एवं सुपाच्य भोजन तथा पर्याप्त मात्रा में पानी ग्रहण करें l

– घर में इनडोर प्लांट्स एवं पालतू जानवरों के अत्यधिक संपर्क से बचना चाहिए क्योंकि इनके कारण एलर्जी एवं फफूंद तेज़ी से बढ़ सकते हैं l

– संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों व वयस्कों को बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने, एवं थूक-छींके के दौरान उचित शिष्टाचार अपनाने की सलाह दें।

बरसात के मौसम में अस्थमा व सीओपीडी रोगियों की सतर्कता ही उनकी सुरक्षा है। चिकित्सकीय सलाह व उपरोक्त सुझावों का अनुपालन कर आप अपने फेफड़ों तथा समग्र स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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