रांची, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . Jharkhand की राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में लोक आस्था का महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन sunday को छठ व्रतियों ने खरना पूजन किया.
खरना पूजन के साथ ही छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास और भगवान भास्कर की आराधना शुरू हो गयी.
खरना पूजन के बाद छठ व्रतियों की ओर से प्रसाद के रूप में परंपरागत तरीके से बनायी गयी खीर-रोटी ग्रहण करने के बाद अन्य लोगों ने भी खरना का प्रसाद ग्रहण किया.
लोक आस्था के इस महापर्व में शुद्धता का पूरा ख्याल रखा जाता है. पारंपरिक छठ गीतों के साथ गुड़ और अरवा चावल से परंपरागत चूल्हे पर गोइठा और आम की लकड़ी की आंच पर बने खीर, शुद्ध देसी घी लगी तवा पर बनी रोटी और केले का प्रसाद श्रद्धा और भक्तिभाव से छठव्रतियों ने ग्रहण किया. इसके बाद यही खीर और रोटी मित्र और परिजनों को प्रसाद के रूप में दिया गया.
उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत Saturday को नहाय खाय से हुई थी. sunday को खरना के बाद 27 अक्टूबर की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती नदी, तालाब सहित अन्य जलस्रोतों में खड़ा होकर पहला अर्घ्य देंगे. 28 अक्टूबर (मंगलवार) की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देंगे. इसके बाद पारण करेंगे. इसके साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ का समापन हो जाएगा.
ऐसी मान्यता है कि भगवान
जातक का होता है कल्याण
आदित्यनाथ की पूजा अर्चना से जातक और समस्त विश्व का कल्याण होता है. छठव्रती और उनके परिजनों को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही रोग व्याधि से मुक्ति मिलती है और वंश की वृद्धि होती है.
इस संबंध में अचार्य मनोज पांडेय ने बताया कि भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शुद्ध पीतल या कांशा के लोटे का इस्तेमाल करें. अर्ध्य देते समय लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें. वहीं प्रथम अर्घ्य पर मुंह पश्चिम और दुसरे अर्घ्य पर पूर्व दिशा की ओर रखते हुए दोनों हाथों को ऊपर करके धीरे-धीरे जल अर्पित करें. जल में रोली, लाल चंदन और लाल रंग का फूल डालें. ऊं घृणि सूर्याय नमः का जाप करें. इसके बाद धूप और अगरबत्ती दिखाकर उन्हें प्रणाम करें. इसके बाद नारियल, फल, मिठाई आदि का भोग लगायें. इसके बाद क्षमा प्रार्थना कर लें. यदि इतना नहीं कर सकते हैं, तो सिर्फ सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर नमन कर लें और हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना कर लें.
27 अक्टूबर को जिलावार सूर्यास्त का समय
रांची शाम 05 बजकर 14 मिनट देवघर शाम 05 बजकर 07 मिनट
धनबाद शाम 05 बजकर 08 मिनट
दुमका शाम 05 बजकर 05 मिनट
गिरिडीह शाम 05 बजकर 09 मिनट
गोड्डा शाम 05 बजकर 04 मिनट
जामताड़ा शाम 05बजकर 07 मिनट
पाकुड़ शाम 05 बजकर 02 मिनट
साहिबगंज शाम 05 बजकर 02 मिनट
कोडरमा शाम 05 बजकर 11 मिनट
चतरा शाम 05 बजकर 15 मिनट
गढ़वा शाम 05 बजकर 19 मिनट
लातेहार शाम 05 बजकर 17 मिनट
लोहरदगा शाम 05 बजकर 16 मिनट
पलामू शाम 05 बजकर 18 मिनट
पूर्वी सिंहभूम शाम 05 बजकर 11 मिनट
सरायकेला शाम 05 बजकर 12 मिनट
प. सिंहभूम शाम 05 बजकर 12 मिनट
सिमडेगा शाम 05 बजकर 18 मिनट
बोकारो शाम 05 बजकर 11 मिनट
रामगढ़ शाम 05 बजकर 13 मिनट
हजारीबाग शाम 05 बजकर 13 मिनट
खूंटी शाम 05 बजकर 14 मिनट
गुमला शाम 05 बजकर 17 मिनट
28 अक्टूबर को सूर्योदय का समय
रांची- सुबह 05 बजकर 52 मिनट.देवघर- सुबह 05 बजकर 48 मिनट.
धनबाद- सुबह 05 बजकर 47 मिनट.
दुमका- सुबह 05 बजकर 45 मिनट.
पूर्वी सिंहभूम- सुबह 05 बजकर 48 मिनट.
सरायकेला- सुबह 05 बजकर 49 मिनट.
प. सिंहभूम- सुबह 05 बजकर 49 मिनट.
सिमडेगा- 05 बजकर 55 मिनट.
गिरिडीह- सुबह 05 बजकर 49 मिनट.
गोड्डा- सुबह 05 बजकर 46 मिनट.
जामताड़ा- सुबह 05 बजकर 47 मिनट.
पाकुड़- सुबह 05 बजकर 43 मिनट.
साहिबगंज- सुबह 05 बजकर 45 मिनट.
कोडरमा- सुबह 05 बजकर 52 मिनट.
चतरा- सुबह 05 बजकर 55 मिनट.
गढ़वा- सुबह 05 बजकर 59 मिनट.
लातेहार- सुबह 05 बजकर 56 मिनट.
लोहरदगा- सुबह 05 बजकर 55 मिनट.
पलामू- सुबह 05 बजकर 58 मिनट.
बोकारो- सुबह 05 बजकर 50 मिनट.
रामगढ़- सुबह 05 बजकर 52 मिनट.
हजारीबाग- सुबह 05 बजकर 53 मिनट.
खूंटी- सुबह 05 बजकर 52 मिनट.
गुमला- सुबह 05 बजकर 55 मिनट.
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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