– ग्लूकोमीटर, बॉडी वेट, ब्लड प्रेशर मशीन, ब्लाइंड शतरंज, क्यूब एवं मैग्नेट विद ब्रेल बोर्ड का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र
जबलपुर, 23 अक्टूबर . राइट टाउन स्थित एमएलबी स्कूल के खेल मैदान में आयोजित 21वां दिव्य कला मेला दिव्यांगजनों के हुनर को नई ऊंचाइयों पर लेकर जा रहा है. एक ओर यह मेला जहां दिन प्रतिदिन अन्वेषित होने वाली नई-नई तकनीकों से दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों को अवगत करा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर यह मेला रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराकर दिव्यांगजनों के सुरक्षित भविष्य की बुनियाद भी रख रहा है.
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से दिवायांगजनों द्वारा तैयार उत्पादों एवं शिल्पकौशल के प्रदर्शन के लिये 17 से 27 अक्टूबर तक आयोजित ग्यारह दिनों के दिव्य कला मेले में टॉर्च-इट कंपनी द्वारा लगाए गए स्टॉल में दृष्टिबाधित दिव्यांगों के लिए दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रदर्शन के लिए रखा गया है. इन उपकरणों का उपयोग कर दृष्टिबाधित बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग अपने जीवन को काफी हद तक सरल और सहज बना सकते हैं.
टॉर्च-इट कंपनी के इस स्टॉल में मौजूद दृष्टिबाधित छात्र प्रियांश मेहरा ने बताया कि स्टॉल में किचिन स्केल, थर्मामीटर, कैलकुलेटर, टेबल वॉच, ग्लूकोमीटर तथा बॉडी वेट एवं ब्लड प्रेशर मशीन को प्रदर्शन के लिए रखा गया है. साथ ही दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों को इन उपकरणों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इन उपकरणों की सहायता से दृष्टि बाधित दिव्यांगजन इनमें दर्शाई गई गणनाओं को सुन सकते हैं. उपकरणों की इसी विशेषता के कारण इन्हें टॉकिंग मशीन भी कहा जाता है.
प्रियांश ने बताया कि स्टॉल पर ब्लाइंड शतरंज, क्यूब एवं की-बोर्ड भी उपलब्ध है. इन सामग्रियों की सतह पर अंकित की गई विशेष आकृतियों की मदद से दृष्टिबाधित छात्र-छात्राएं कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं और साधारण बच्चों की मस्तिष्क विकसित करने वाले खेलों को भी आसानी से खेल सकते हैं. स्टॉल में रखा मैग्नेट विद ब्रेल बोर्ड कंपनी द्वारा निर्मित मुख्य उत्पादों में से एक है. जो दृष्टिबाधित बच्चों को ब्रेल भाषा सीखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके साथ ही स्टॉल में ब्लाइंड एम्प्लीफायर, सेंसिंग स्टिक एवं लो विजन लेंस ग्लास जैसे बहुउपयोगी उत्पादों को भी प्रदर्शन के लिए रखा गया है.
दिव्य कला मेले में सरस्वती गौ उत्पाद केंद्र,जबलपुर द्वारा गौमूत्र एवं गोबर से निर्मित विभिन्न उत्पादों जैसे धूप बत्ती, हवन, कंडे, गोनाइल (फिनायल) को प्रदर्शन और विक्रय के लिए रखा गया है. स्टॉल पर मौजूद केंद्र के संचालक संदीप बाथरे ने बताया कि मझौली, बरेला एवं बरगी तथा इनके आसपास ग्रामों के दिव्यांगजनों द्वारा इन गौ उत्पादों का निर्माण किया जाता है. साथ ही दिव्यांग जनों को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें केंद्र द्वारा लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. दिव्य कला मेले में रोज की तरह बुधवार को सातवें दिन भी दिव्यांगजनों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये.
तोमर
You may also like
गुरुवार का दिन मीन राशि वाले लोगो के लिए खास रहेगा, कारन जानिए,
पुराना पन्ने का हार पहन अंबानी से टकराई अरबपति बिजनेसमैन की बीवी सुधा रेड्डी, काले कपड़ों में भी कयामत ढाई
धनबाद की ग्रामीण महिलाओं को मिला उज्ज्वला योजना का लाभ
मणिपुर में हिसा प्रभावितों के लिए बनाए जाएंगे 7,660 घर : बीरेन सिंह
प्रदूषण से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है दिल्ली सरकार : गोपाल राय