राज्य सरकार सिटिंग जज या सीबीआई से कराए जांच
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रांची,13 अगस्त (हि.स. )। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में हुए सूर्या हांसदा के अनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई ) या फिर किसी सिटिंग जज से कराने की मांग की है।
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर बुधवार को लिखा कि आदिवासी नेता को अपराधी बनाना हो या निर्दोष को दोषी साबित करना हो, पैसे लेकर जमीन पर कब्जा कराना हो या माफियाओं को सरेआम आतंक करने की खुली छूट देना हो, अपने शक के आधार पर किसी की आवाज को दबाने के लिए इनकाउंटर करना हो या खास वर्ग को छूट देकर आदिवासियों की हत्या कराना हो। इन सारे कार्यों का जिम्मा झारखंड पुलिस में शामिल अपराधी क़िस्म के कुछ लोगों ने अपने कंधे पर ले लिया है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार में जिस तरह अपराधियों को शरण और संरक्षण देने वाली खुद अपराधी प्रवृत्ति का काम कुछ पुलिस वाले कर रहे है, उससे आम जनमानस के अलावा सत्ता और विपक्ष में बैठे नेताओं और उनके सहयोगियों को भी हर दिन जान का खतरा लगा रहता है।
मरांडी ने कहा कि संघर्ष करते-करते रास्ता भटक जाने वालों को भारत के क़ानून और न्याय व्यवस्था ने हमेशा मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर दिया है। लेकिन आज ऐसी ही एक आवाज़ को हमेशा के लिए ख़ामोश कर दिया गया। उन्होंने कहा झारखंड का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि एक जनसरोकारी सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं, मर्डर किया गया है। वो भी किसी अपराधी द्वारा नहीं, बल्कि वर्दी में छिपे कुछ कायरों और बुजदिलों द्वारा, जिन्हें डर है कि आदिवासियों की आवाज उनके कान का पर्दा न हिला दे।
नेता प्रत्पक्ष ने कहा कि झूठे मामलों में फंसाना, फ़र्ज़ी केस दर्ज कर उत्पीड़न करना और लगातार दबाव बनाना, यही विरोध करने वालों से निपटने का रवैया हो गया है। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की पत्नी और मां लगातार पुलिस पर आरोप लगा रही हैं कि कैसे जानबूझकर उनके पति का और बेटे की हत्या की गयी है। उनकी बस एक ही तो मांग है कि इस कृत्य की सीबीआई से जांच कराई जाए।
मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी (हेमंत सोरेन) अगर सीबीआई से आपको और आपके अफ़सरों को ज़्यादा ही डर लगता है, तो उच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज की अध्यक्षता में इस मामले की जांच करवाइये, सच सबके सामने लाइए, क्योंकि पुलिस का यह कृत्य किसी को भी पच नहीं रहा है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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