कहा-तौकीर रजा जैसे लोग हिन्दुओं में भी
झांसी, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मप्र के पूर्व Chief Minister कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- आरएसएस कहती है कि मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है. सच्चाई यह है कि हिंदुओं से ज्यादा मुस्लिम आबादी घटी है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस दंगे भड़काती है. यह एक नॉन रजिस्टर्ड संस्था है. इनके लोग दंगा कराते हैं. फिर इनकी ओर से बयान आता है कि यह हमारा मेम्बर नहीं. जब संस्था का रजिस्ट्रेशन ही नहीं तो मेम्बर कहां से होगा? सरकार चाहे तो कभी दंगे न हों.
दंगे सरकार और अफसरों की नीयत पर निर्भर है. इसे रोकने के लिए समय रहते कदम उठाएं. बरेली बवाल पर उन्होंने कहा कि तौकीर रजा जैसे लोग हिंदुओं में भी हैं. ऐसे लोग भाषण देकर लोगों को उकसाते हैं. दिग्विजय शुक्रवार को दतिया के पीतांबरा पीठ दर्शन के बाद सर्किट हाउस पहुंचे थे. इसके बाद वे भोपाल रवाना हो गए. उन्होंने कहा कि आरएसएस चंदा वूसली करती है. ये पैसा जाता कहां है. बैंक खाता कहां है? हर विजयादशमी और गुरु पूर्णिमा पर करोड़ों रुपए चंदे में आते हैं. जब संघ का अकाउंट नहीं है तो पैसा जाता कहां है. इनका एक ही एजेंडा है, हिदुओं को भड़काना और संविधान के खिलाफ लोगों को बचपन से तैयार करना. ये कभी आंदोलन प्रदर्शन नहीं करते, हमेशा कानाफूसी की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि जितनी हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है, उससे कहीं ज्यादा तेजी से मुसलमानों की जनसंख्या घट रही है. 2001 और 2011 के बीच का जनसंख्या ग्राफ ये प्रमाणित करता है. अब 2021 की रिपोर्ट तो इन्होंने ही रोक कर रखी है. इसलिए वो बात सामने नहीं आईं. लेकिन आरएसएस और सरकार मिलकर हिंदुओं को भ्रमित कर रहे हैं.
–‘आई लव मोहम्मद’ पर मुकदमा क्यों ?
अगर कोई ‘आई लव मोहम्मद’ कहता है और कोई आई लव रामजी, आई लव महादेव, आई लव कृष्ण भगवान, आई लव गांधीजी कहता है तो इसमें किसी को क्या दिक्कत? इसमें मुकदमा दर्ज करने की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार ने लिस्ट जारी की है. एक भी घुसपैठिए का नाम बता दें. किस पोलिंग बूथ पर कौन सा घुसपैठिया है. उसका नाम आ गया हो. घुसपैठिए की परिभाषा क्या है?
–मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज होना चाहिए
कोविड के समय आरएसएस की ओर से कहा गया कि जनता को 7 करोड़ रुपए की मदद की है. मैंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बारे में पत्र लिखकर पूछा कि नॉन रजिस्टर्ड संस्था कह रही है कि 7 करोड़ रुपए एकत्र करके खर्च किए हैं. तो आखिर कौन से अकाउंट से पेमेंट किया. इन पर तो मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलना चाहिए. नॉन रजिस्टर्ड संस्था ने बिना अकाउंट के 7 करोड़ रुपए कहां से खर्च कर दिए? मगर वित्त मंत्री जी का आज तक जवाब नहीं आया.
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
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