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हार्ट अटैक से पहले मिलेगा अलर्ट, मैक्स हॉस्पिटल में खुला कमाल का पेशेंट सेंटर

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उत्तराखंड का गौरव बढ़ाने वाला स्टार्टअप सनफॉक्स टेक्नोलॉजीज, जिसने शार्क टैंक इंडिया में अपनी छाप छोड़ी, ने मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में अपना पहला पेशेंट एक्सपीरियंस सेंटर शुरू किया है। यह सेंटर न केवल तकनीक और स्वास्थ्य के बीच की दूरी को पाट रहा है, बल्कि आम लोगों को समय पर दिल की बीमारियों की पहचान करने का मौका भी दे रहा है। इस सेंटर में सनफॉक्स की अनूठी स्पंदन डिवाइस और दिल की देखभाल से जुड़ी अन्य आधुनिक तकनीकों का अनुभव किया जा सकता है।

स्पंदन: छोटा डिवाइस, बड़ा बदलाव

स्पंदन दुनिया की सबसे छोटी ईसीजी मशीन है, जो जेब में आसानी से समा जाती है। यह नन्हा सा उपकरण दिल की धड़कन में अनियमितता, हार्ट अटैक, या अन्य गंभीर समस्याओं को तुरंत पकड़ सकता है। खास बात यह है कि इसकी मदद से आप घर बैठे अपनी जांच कर सकते हैं और तुरंत बनने वाली रिपोर्ट को डॉक्टर के साथ साझा कर सकते हैं। कई बार लोग गैस की समस्या को हार्ट अटैक समझने की गलती कर बैठते हैं या इसके उलट, जिससे इलाज में देरी हो जाती है। स्पंदन इस भ्रम को तोड़ता है और सही समय पर सही निदान सुनिश्चित करता है।  

उत्तराखंड के लिए क्यों खास है यह पहल?

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ अक्सर दूर होती हैं। दूर-दराज के गाँवों में रहने वाले लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुँच पाते, जिससे छोटी-सी समस्या भी जानलेवा बन जाती है। सनफॉक्स का यह सेंटर और स्पंदन डिवाइस इन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। अब कोई भी व्यक्ति, चाहे वह गाँव में हो या शहर में, अपनी दिल की सेहत पर नजर रख सकता है। नियमित जांच से लेकर आपातकालीन स्थिति तक, यह तकनीक हर कदम पर साथ देती है।  

विशेषज्ञों की मौजूदगी और सनफॉक्स का विजन

इस सेंटर के उद्घाटन में मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों ने शिरकत की। सनफॉक्स के संस्थापक और सीईओ रजत जैन ने इस मौके पर कहा, “हमारा मकसद है कि हर व्यक्ति को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलें। देहरादून में शुरू हुआ यह सेंटर हमारी इस यात्रा का पहला पड़ाव है।” रजत का यह सपना केवल तकनीक तक सीमित नहीं है; यह लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने की एक कोशिश है।  

सनफॉक्स की उपलब्धियाँ: शार्क टैंक से बिल गेट्स तक

सनफॉक्स ने अपने अभिनव काम से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक मंच पर भी ध्यान खींचा है। शार्क टैंक इंडिया ने इस स्टार्टअप को घर-घर तक पहुँचाया। हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने सनफॉक्स के काम को बिल गेट्स के सामने प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई मौकों पर इस स्टार्टअप की तारीफ की है। इतना ही नहीं, स्टार्टअप महाकुंभ में केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने सनफॉक्स को स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘स्टार्टअप महारथी’ पुरस्कार से नवाजा।  

क्यों जरूरी है ऐसी तकनीक?

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल की बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। तनाव, अनियमित जीवनशैली और देर से निदान इनका प्रमुख कारण हैं। सनफॉक्स का यह प्रयास न केवल तकनीकी नवाचार है, बल्कि एक सामाजिक बदलाव की शुरुआत भी है। यह सेंटर लोगों को जागरूक करने, सही समय पर जांच करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा।  

आप भी ले सकते हैं इस सेंटर का लाभ

मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में स्थापित यह सेंटर हर उम्र के लोगों के लिए खुला है। यहाँ आप स्पंदन डिवाइस को न केवल देख सकते हैं, बल्कि इसका इस्तेमाल करके अपनी दिल की सेहत की जाँच भी कर सकते हैं। सनफॉक्स की यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड के लोगों के लिए एक नया अवसर लेकर आई है। 

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