महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई। बीड जिले में 11 फंसे हुए लोगों को भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया जबकि थलसेना की एक इकाई ने 40 अन्य लोगों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि हिंगोली और बीड जिलों में रविवार और सोमवार को मौतें हुईं।
मीडिया खबरों के मुताबिक बीड जिले के आष्टी तालुका के कड़ा गांव के पास शेरी खुर्द बस्ती में एक ही परिवार के 11 सदस्य फंसे हुए थे। उन्हें सोमवार को नासिक से बुलाए गए वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।"
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आष्टी में तैनात सेना की इकाई ने एनडीआरएफ टीम और अन्य एजेंसियों की मदद से 40 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला। मराठवाड़ा के आठ में से पांच जिलों में भारी बारिश हुई है, जिससे कई नदियां उफान पर हैं और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि धाराशिव जिले के केशेगांव सर्कल में सोमवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में सबसे ज़्यादा 105 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
बीड जिले के निचले इलाकों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ आ गई, जिससे अष्टी तालुका के आठ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया। एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने भारी बारिश और बाढ़ के कारण मंगलवार को बीड जिले में कक्षा 1 से 7 तक के स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है।
जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मंगलवार को आंगनवाड़ी, प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को बंद रखने का फैसला किया है। अधिकारी ने बताया कि 17 सितंबर को मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस की तैयारी कर रहे शिक्षकों व कर्मचारियों को इस आदेश से बाहर रखा गया है।
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बीड और छत्रपति संभाजीनगर के लिए सोमवार को ऑरेंज अलर्ट जबकि नांदेड़, लातूर, धाराशिव, परभणि, हिंगोली और जालना के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीड, लातूर, धाराशिव, परभणि और हिंगोली जिलों के 32 राजस्व क्षेत्रों में भारी बारिश दर्ज की गई। एक दिन पहले, हिंगोली जिले के सात गांवों में भारी बारिश हुई थी। अधिकारी ने बताया कि वासमत के गुंडा गांव की दो महिलाएं बहते पानी में डूब गईं और उनकी मौत हो गई।
भारी बारिश से क्षेत्र की 11 प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में जल भंडार बढ़कर 94.36 प्रतिशत हो गया है। पिछले साल इसी दिन जल भंडार 89.32 प्रतिशत था। अधिकारियों ने बताया कि दस सिंचाई परियोजनाओं से 1.51 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसमें से नांदेड़ के विष्णुपुरी बांध से सबसे ज़्यादा 91,854 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
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इसी तरह, बीड जिले की मंजारा सिंचाई परियोजना से सोमवार को पांच घंटे में पानी का बहाव बढ़ाकर 17,333 क्यूसेक कर दिया गया। सिंधफना नदी पर बने माजलगांव बांध से चार घंटे में पानी का बहाव 38,651 क्यूसेक से बढ़ाकर 71,248 क्यूसेक कर दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि पानी छोड़ने के लिए बांध के नौ गेट 2 मीटर तक खोले जाएंगे। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma
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