Dabeli origin debate: दाबेली मुख्य रूप से गुजरात के कच्छ क्षेत्र का व्यंजन है। जानकारी के अनुसार इसका आविष्कार 1960 के आसपास मांडवी, कच्छ में केशवजी गाभा चूड़ासमा उर्फ केशा मालम या मंधविया नाम के व्यापारी ने बनाया था। ALSO READ:
दाबेली का मतलब ही होता है 'दबाई हुई', क्योंकि इस रेसिपी में मसाला आलू को पाव के बीच दबाकर परोसा जाता है। इसमें तीखा, खट्टा-मीठा, कुरकुरा सभी स्वाद एक साथ मिलते हैं।
हालांकि, यह व्यंजन महाराष्ट्र में भी बहुत लोकप्रिय है, खासकर मुंबई और पुणे जैसे शहरों में। महाराष्ट्र में इसे 'कच्छी दाबेली' के नाम से भी जाना जाता है।
इसलिए, दावा गुजरात का सही है कि दाबेली की उत्पत्ति वहीं हुई। लेकिन महाराष्ट्र में भी इसे बहुत पसंद किया जाता है और यह वहां के स्ट्रीट फूड का एक महत्वपूर्ण
हिस्सा बन चुका है। कुछ लोग इसे महाराष्ट्रियन वड़ा पाव का एक प्रकार भी मानते हैं, लेकिन दोनों व्यंजन अपनी विशिष्ट सामग्री और स्वाद के कारण अलग हैं।
अत: यह कहा जा सकता है कि दाबेली का जन्म गुजरात में हुआ और यह महाराष्ट्र में भी खूब फली-फूली। अब यह महाराष्ट्र में, खासकर मुंबई और पुणे, में दाबेली बेहद पॉपुलर स्ट्रीट फूड है।
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